प्रोग्राम में संजय से सवाल किया गया कि जब आपको पता चला कि आपको कैंसर हो गया है तो आपका रिएक्शन कैसा था? तो संजय दत्त ने जवाब देते हुए कहा, ”मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा था। मैं अपनी कमर को गर्म पानी की थैली से हिला रहा था, दर्द निवारक दवा ले रहा था। और फिर एक दिन मुझे सांस लेने में तकलीफ होने लगी।”
संजय ने आगे कहा, “फिर मुझे अस्पताल ले जाया गया। यह बात सही है कि मुझे तब बताया गया था कि मुझे कैंसर है.. लेकिन मुझे पूरी जानकारी नहीं दी गई कि यह लास्ट स्टेज में है। मैं अस्पताल में अकेला था। मेरी पत्नी, बहन, मेरे परिवार से कोई भी मेरे साथ नहीं था। मैं अकेला था और अचानक एक शख्स मेरे पास आया और बोला, ‘मुझे कैंसर है’। मेरी पत्नी उस समय दुबई में थीं। इतने में मेरी बहन प्रिया मेरे पास आ गई।”
एक्टर ने कहा, “मेरे परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है। मेरी मां को पैंक्रियाटिक कैंसर था। मेरी पहली पत्नी ऋचा शर्मा की भी मौत ब्रेन कैंसर से हुई थी। मैंने उनका दर्द करीब से देखा था। तो उस समय मैंने जो पहली बात कही थी, वह यह थी कि मुझे कीमोथेरेपी नहीं चाहिए। अगर मैं मर भी गया तो इलाज नहीं कराऊंगा। मगर बाद में मैं केवल अपने परिवार के इलाज के लिए तैयार हो गया।”
संजय ने आगे कहा, “मैंने अपनी वजह से अपने परिवार को टूटते देखा और फिर इलाज के लिए तैयार हुआ। मैंने रात भर फैसला किया। क्योंकि मैं जानता था कि अगर मैंने बीमारी को छोड़ दिया, तो मेरा पूरा परिवार बिखर जाएगा। और फिर मैंने कैंसर से लड़ने का फैसला किया। राकेश रोशन ने मुझे कैंसर का इलाज कराने के लिए एक डॉक्टर का नाम सुझाया था।”
संजय दत्त ने खुलासा किया, “मैंने अपनी बीमारी के बारे में कुछ भी नहीं छुपाया है। कैंसर के बारे में कोई गलत जानकारी नहीं दी गई। लोग ऐसे विषयों को उठाना नहीं चाहते, बात नहीं करते। लेकिन मैंने अपने करियर के बारे में नहीं सोचा, इससे ज्यादा मैंने इस बारे में बात करना उचित समझा। ताकि कोई मेरे अनुभवों से फायदा हो सके।”
संजय दत्त के वर्कफ्रंट की बात करें तो उनकी आखिरी रिलीज फिल्म ‘शमशेरा’ है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार दस्तक दी थी। संजय की कई फिल्में अब रिलीज के लिए तैयार हैं। वह अब सिर्फ हिंदी इंडस्ट्री में ही नहीं बल्कि साउथ सिनेमा में भी काम करते नजर आ रहे हैं। उन्हें साउथ की फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ में ‘अधीरा’ के रूप में देखा गया था।