एक समय था जब हार मान चुके थे रवि किशन
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन किसी पहचान का मोहताज नही है। वे भोजपुरी सिनेमा के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के भी जाने-माने कलाकार हैं। इतना ही उन्होंने राजनीति से जुड़कर भी खास पहचान बनाई है। वह बीजेपी से सांसद भी बन चुके हैं। इज्जत और शोहरत के साथ वो एक शान की जिंदगी जीते है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब यह एक्टर पाई-पाई को मोहताज हो गए थे और अपनी जिंदगी से हार चुके थे तब उनके पिता ही उनका सबसे बड़ा सहारा बने थे।
बेटी को घर लाने के लिए खेत रखे थे गिरवी
बताया तो यह तक जाता है कि जब रवि किशन स्ट्रगल कर रहे थे तब उनकी बेटी का जन्म हुआ था उस दौरान उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे अपनी पत्नी और बेटी को अस्पताल से डिस्चार्ज करा सकें। इसके लिए उन्हें अपना खेत तक गिरवी रख दिया था। तब जाकर बच्ची को उनके हाथ सौंपा गया था।
बचपन में जब बनते थे सीता, तो होती थी खूब पिटाई
रवि किशन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पैसे की आर्थिक तंगी को देख वे रामलीला में सीता तक बन जाते थे।जब घरवालों को यह बात पता चलती थी तो उस दौरान उनकी खूब पिटाई की जाती थी। इसके बाद उन्होंने बचपन में ही घर छोड़ने का फैसला ले लिया था। अभिनय को शौकिन रविकिशन को साल 2003 में पहली भोजपुरी फिल्म मिली। इसी पहली फिल्म ने उन्हें रातों रात एक स्टार बना दिया। इसके बाद से रवि किशन ने कभी पीछे नहीं देखा।