मैगजीन में औरतों को बॅाडी शेम करते थे
रवीना ने एएनआई को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने बताया,’90s की मैगजीन बहुत ही घटिया थीं। और उनमें से कुछ औरतों को मैं आज देखती हूं कि वो महिलाओं की आजादी का बिल्ला अपने दिल और दिमाग पर लगाए घूमती हैं। जो उस समय औरतों की सबसे बड़ी दुश्मन थीं। जो औरतों को बॉडी शेम करती थीं। औरतों को स्लटशेम और शर्मिंदा महसूस कराने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती थीं। वही औरतें आज सबसे बड़ी फेमिनिस्ट बनकर घूमती हैं। मैं सोचती हूं कि ऐसा कब हुआ? अगर मैं उनके बारे में कहानियां बताना शुरू कर दूं…।’
मैगजीन में वही लिखा जाता जो हीरो कहता
रवीना ने आगे बताया,’औरतों को सपोर्ट करने के बजाय ये क्या करती थीं। ये महिला एडिटर पहले तो हीरो से प्यार करने लग जाती थीं और फिर जो हीरो कह दे वही इनके लिए आखिरी बात बन जाती थी। अगर हीरो किसी औरत को बुरा दिखाना चाहता तो उस औरत को शेम किया जाता। मैगजीन में तो उस औरत की धज्जियां उड़ा दी जातीं। ऐसी बातें लिख दी जातीं, जिनसे कॅरियर बर्बाद हो जाए। ऐसी कई मनगढ़ंत चीजें उस समय की मैगजीन में लिखी गईं क्योंकि बस हीरो चाहता था। हीरो कहता कि अच्छा, उसके बारे में अब ऐसा लिख दो..और उसकी कही बात मान ली जाती।’
जांघों का उड़ाया गया था मजाक
रवीना टंडन ने अपनी बॅाडी शेम को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा,’मुझे बहुत सारी बातें बोली गईं। कभी ‘थंडर थाइज’ कहा गया तो कभी मिस ये तो कभी मिस वो और 90 किलो की। दरअसल मैं उस वक्त मोटी थी। मैंने 16 साल की उम्र में अपना कॅरियर शुरू किया था। हालांकि मुझे अब फर्क नहीं पड़ता। मुझे ऐसे रहना पसंद है और ऐसे ही अच्छा लगता है।’