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Birth Anniversary : नायक से खलनायक बने प्राण को देख सिनेमाघर में बैठे लोग डर के पीछे सहम जाते थे

प्राण की जयंती (Pran Birth Anniversary) पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े सच
प्राण ने अपने करियर की शुरूआत 40 वे दशक की फिल्मों से की थी।

Feb 12, 2020 / 11:56 am

Pratibha Tripathi

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नई दिल्ली। बॉलीवुड में खलनायक के किरदार के बारे में बात करे, तो प्राण (Pran) की छवि लोगों के दिलो दिमाग में पहले ही छा जाती है। उनकी रौबीली आंखों के साथ उनका चरित्र फिल्म में पूरी जान डाल देता था कुछ समय के लिये लोग यह भी भूल जाते थे कि वो एक पर्दे के पीछे नही बल्कि किसी सच्चाई का सामना कर रहे है। यहां तक कि लड़कियां डर के मारे चीख पड़ती थीं इस तरह से निभाते थे प्राण (Pran) अपने किरदार को। तीन घंटे की फिल्म में हीरो से टक्कर लेता यह शख्स अपनी असल जिन्दगी में किसी नायक की छवि से कहीं ऊपर है। लोग जितना इनका सम्मान करते थे, उतना ही इनकी दरियादिली के कायल भी थे।

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अभिनेता प्राण आज भले ही हमारे बीच नही है लेकिन उनकी फिल्मों को देख आज भी उनकी मौजूदगी का एहसास होता है। और इन्ही फिल्मों के चलते वो अमर है। प्राण ने अपने करियर की शुरूआत 40 वे दशक की फिल्मों से की थी। शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें सही पहचान मिली खलनायक के किरदार से। जिसमें उनकी फिल्म जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

12 फरवरी 1920 को जन्मे प्राण ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने पिता के काम में हाथ बंटाते थे। फिर एक दिन अचानक उनकी मुलाकात लाहौर के मशहूर पटकथा लेखक वली मोहम्मद से हुई। उनकी छवि को देख वली ने प्राण को फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन उन्होनें इइंकार कर दिया। लेकिन बार-बार कहने पर मान गये।

1940 में प्राण की पहली फिल्म पंजाबी से शुरूआत हुई। एक जमाना था जब प्राण का फिल्म में होना ही सफलता का गारंटी माना जाता था। साल 1948 में हिन्दी फिल्म ‘जिद्दी’ में काम किया। इसके बाद ही प्राण ने तय किया के वह खलनायकी में करियर बनायेंगे। प्राण कम से कम 40 साल तक बतौर खलनायक काम करते रहे.हर दूसरी फिल्म में खलनायक के रोल में प्राण ही नजर आते थे। उन्हें साल 2001 में भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था. प्राण ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनकी आखिरी फिल्म मृत्युदाता थी।

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