जवाब: मां बनना एक अनोखा अनुभव है। यह जीवन को पूरी तरह बदल देता है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे यह अनुभव मिला। यह चुनौतियों से भरा होता है, लेकिन एक मां को भगवान हर परिस्थिति संभालने की ताकत देते हैं। अपने हेल्थ पर ध्यान दें। हम औरतें अपनी हेल्थ से समझौता कर लेती हैं। लेकिन, इसपर सबसे अधिक ध्यान देना चाहि। एक दूसरे को सपोर्ट करें। मैं नई माताओं से कहना चाहूंगी कि अगर वे काम पर लौटना चाहती हैं, तो बिना किसी झिझक के नई ऊर्जा के साथ लौटें। ऑफिस ना जा पाएं तो आप वर्क फ्रॉम होम भी कर सकती हैं।
सवाल: आप अपनी वर्कलाइफ के बीच बैलेंस कैसे बनाती हैं, और ऐसी ही चुनौतियों का सामना करने वाली महिलाओं को आप क्या सलाह देंगी?
जवाब: सोशल मीडिया पर मैं वही पोस्ट करती हूं, जो जरूरी हो। मेरी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ का बैलेंस मेरे लिए बहुत मायने रखता है। एक सीनियर एक्टर ने कहा था कि जितना कम लोग आपको जानते हैं, उतना ही आसान है कि आप अपने किरदार में ढल सकें। मुझे यह बात सही लगती है। मैं ओल्ड-स्कूल सोच में विश्वास करती हूं। एक सीनियर एक्टर ने कहा था कि जितना आप मेरे बारे में कम जानेंगे, उतना मेरे लिए आसान है आपको कन्वेंस करना कि जो मैं वो करेक्टर निभा रहा हूँ, मैं वो करेक्टर हूँ, और अगर आप देखें तो, कि जो 90’s के जो स्टार्स थे। वही रियल स्टार्स थे। बाकि सब अभी हाइप जेनेरेटेट हैं।
जवाब: महिलाओं के लिए प्रोफेशनल और फैमिली लाइफ के बीच संतुलन बनाना एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण सफर है। सबसे बड़ी चुनौती होती है समय का प्रबंधन। एक मां, बेटी, पत्नी और प्रोफेशनल के रूप में हर रोल निभाना अपने आप में एक संतुलन की कला है। मां बनने के बाद मेरा यह अनुभव और गहरा हुआ है।
सवाल: आप कई लोगों के लिए रोल मॉडल हैं, खासकर महिलाओं के लिए जो फिल्मों के क्षेत्र में आना चाहती हैं, उनको अपने सपने पूरे करने के लिए आप क्या कहना चाहेंगी?
जवाब:महिलाओं को बाधाओं का सामना हर क्षेत्र में करना पड़ता है, लेकिन बदलाव लाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। हमें एक-दूसरे को प्रोत्साहित करना होगा और एक सपोर्ट सिस्टम बनाना होगा, जहां महिलाएं बिना किसी डर के अपने सपने पूरे कर सकें। समाज में जागरूकता बढ़ाने और समान अवसर सुनिश्चित करने के साथ-साथ खुद पर विश्वास बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। बदलाव धीरे-धीरे आएगा, लेकिन मिलकर काम करेंगे, तो यह बदलाव स्थायी और प्रभावी होगा।
जवाब: मेरी जर्नी खुद में एक सीखने का अनुभव रही है। मैं अवॉर्ड शोज में कम ही जाती हूं, क्योंकि मैंने अपनी अहमियत और वेलिडेशन को अवॉर्ड्स के नजरिए से नहीं देखा। मेरा फोकस हमेशा अपने काम पर रहा है। आज जहां हूं, वहां तक पहुंचने के लिए मैंने कदम-दर-कदम मेहनत की है। अपनी जर्नी को देखकर गर्व होता है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। मेरी पार्टी घर के लोगों के साथ चाय पीने और एक अच्छा डिनर करने में होती है। उसके बाद फिर से काम में जुट जाती हूं। मुझे खुशी इस बात की है कि मैंने अपनी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंची हूं।
जवाब: वह पल मेरे लिए बहुत खास था। मैंने बचपन से पापा को मेहनत करते देखा है। उनके संघर्ष और बलिदान को करीब से समझा है। उन्होंने हमेशा ऊंचे नैतिक मूल्यों के साथ काम किया। उनके काम का सम्मान देखकर बहुत गर्व हुआ।
जवाब: मैं हर किरदार को ऑडियंस के नजरिए से देखती हूं। मेरी कोशिश रहती है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं। लोगों की उम्मीदें मेरे लिए एक कॉम्प्लिमेंट की तरह हैं। मैंने हमेशा स्क्रिप्ट, डायरेक्टर और अपनी इंस्टिंक्ट पर भरोसा किया है। मैं PR और पब्लिसिटी से दूर रहती हूं, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है। मैंने हिट और फ्लॉप को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
जवाब: सोशल मीडिया पर मैं वही पोस्ट करती हूं, जो जरूरी हो। मेरी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ का बैलेंस मेरे लिए बहुत मायने रखता है। एक सीनियर एक्टर ने कहा था कि जितना कम लोग आपको जानते हैं, उतना ही आसान है कि आप अपने किरदार में ढल सकें। मुझे यह बात सही लगती है। मैं ओल्ड-स्कूल सोच में विश्वास करती हूं।
जवाब: इस साल मेरी तीन फिल्में रिलीज होंगी। उनके नाम का खुलासा प्रोड्यूसर्स करेंगे। मैं इतना वादा कर सकती हूं कि मेरी फिल्में ऑडियंस को जरूर पसंद आएंगी।
सवाल: ओटीटी और टीवी के बीच आप क्या अंतर देखती हैं?
जवाब:ओटीटी ने एंटरटेनमेंट का परिदृश्य बदल दिया है। टीवी फैमिली एंटरटेनमेंट का हिस्सा है, जबकि ओटीटी वैरायटी ऑफ कंटेंट प्रदान करता है। दोनों के अपने-अपने महत्व हैं।
सवाल: फिटनेस का आपका मंत्र क्या है?
जवाब: योग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मेरे फिटनेस का आधार हैं। मुझे घर का खाना और जल्दी डिनर करना पसंद है।
सवाल: अपने किस किरदार को आप सबसे अधिक पसंद करती हैं?
जवाब: फिल्म आर्टिकल 370 में जूमी का किरदार मेरे दिल के बहुत करीब है।