बॉलीवुड की लाइमलाइट में परवीन जितनी खुशहाल रहती थी। उतनी ही रियल लाइफ में वो बेहद अकेली हो गई थीं। एक के बाद एक अफेयर से मिले धोखे के बाद से टूटी परवीन को प्यार का सुख ना मिल पाने के कारण वो मानसिक बीमारी शिकार हो गई। यहां तक कि उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना तक बंद कर दिया था। जब उनकी मौत हुई तो इसकी खबर हर किसी को चार दिन बाद लगी जब कमरे में बंद पड़ी लाश सड़ने लगी। कबीर बेदी ने अपनी आटोबायोग्राफी में परवीन के आखिरी दिनों के दर्द का खुलासा किया है, जो काफी दर्दनाक था।
कबीर ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी ‘स्टोरीज़ आई मस्ट टेल: दी इमोशनल लाइफ़ ऑफ़ एन एक्टर’ में परवीन के साथ बिताए पलों से लेकर उनके अंतिम समय की यात्रा तक का जिक्र किया है। कबीर ने लिखा है कि परवीन की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार में केवल वो ही लोग शामिल थे जो उन्हें बेहद प्यार करते थे डैनी, महेश भट्ट और मैं शामिल था। बॉलीवुड का कोई भी बड़ा-छोटा स्टार वहां नहीं पंहुचा था। केवल उनके कुछ रिश्तेदार ही थे।
कबीर ने बताया था कि परवीन की मौत के बाद जब उनकी फ्लैट में पड़ी लाश देखी गई तो उनका एक पैर गैंग्रीन से सड़ गया था। उनका अंत काफी दर्दनाक था। कबीर ने बताया था जो कभी करोड़ों दिलों की मलिका हुआ करती थी। उसका अंत उतना ही बुरा था। उनके अंतिम दर्शन के लिए केवल वे तीन लोग ही शामिल हुआ थे जो उससे बेहद प्यार करते थे।