फिल्म ‘दो आंखें बारह हाथ’ के उस गीत के बोल हैं ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’, लता मंगेशकर की जादू भरी आवाज ने इस गाने में जान डाल दी थी। इस गीत का यही जादू इसे पाकिस्तान के स्कूल तक ले गया और ये गीत पाकिस्तान के स्कूलों के एंथम में गाया जाने लगा। वहां के एक स्कूल में सुबह इस प्रार्थना के साथ ही बच्चों के दिन की शुरुआत होती थी।
ये गाना, किसी को भी एक अजीब सी शक्ति देता है। यही कारण था कि पाकिस्तान के एक स्कूल ने इस भावुक गीत को अपने बच्चों की स्कूल प्रेयर के तौर पर शामिल किया। अभी भी ये गीत, स्कूलों में गाया जाता है या नहीं, इसकी जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है। लेकिन लता मंगेशकर के कई ऐसे भक्ति गीत हैं जिन्हें सुनकर उनके फैन्स की सुबह होती थी।
उन्हें जितना प्यार भारत से मिलता था उतना ही पाकिस्तानी भी उनसे मोहब्बत करते थे। भारत में उन्हे पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं।
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हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया था। लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को ‘स्वर कोकिला’ ने आखिरी सांस ली।
सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि पाकिस्तान में भी शोक मनाया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी, पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पाकिस्तान के सरकारी टीवी पर भी लता मंगेशकर के निधन की खबर प्रसारित की गई और प्राइवेट न्यूज चैनलों पर भी लता जी के गाने चलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।