साथ ही उन्होंने पुरुष और महिला फिल्म निमार्ताओं के बीच कुछ अंतरों के बारे में भी काफी खुलकर बात की। नवाज ने निर्देशक अनुषा रिजवी (Anusha Rizvi) के साथ ‘पीपली लाइव’ में काम किया था, जिससे उनको काफी प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म निर्देशक देबमित्रा बिस्वाल के साथ फिल्म ‘मोतीचूर चकनाचूर’ में काम किया था। इतना ही नहीं नवाज ने निर्देशक नंदिता दास के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मंटो’ में भी काम किया था।
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साथ ही उन्होने फिल्म निर्माता और निर्देशक जोया अख्तर की फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ में भी काम किया है, जिसमें चार छोटी-छोटी कहानियों पर बनाया गया है, जिनको काफी पसंद भी किया गया था। इसके अलावा उन्होंने निर्देशक रीमा कागती के साथ फिल्म ‘तलाश’ में भी काम किया था। इस बारे में बात करते हुए नवाज ने बताया कि ‘मैंने कई फेमस महिला निर्देशकों के साथ काम किया है और इससे मुझे बहुत मदद मिली है। मैंने महसूस किया कि महिलाएं दुनिया को अलग तरह से देखती हैं’।
एक्टर ने आगे कहा कि ‘महिलाएं कहीं ज्यादा दयालु हैं और हर चीज में सुंदरता देखती हैं’। आगे बात करते हुए नवाज कहते हैं कि ‘ज्यादातर पुरुषों के लिए ये अक्सर शक्ति और नियंत्रण के बारे में होता है। ये हमारे रिश्तों में भी परिलक्षित होता है। पुरुष ज्यादा क्षेत्रीय होते हैं और उन्हें अधिकार जताना है, औरतों पर भी। महिला की निगाहें दयालु और संवेदनशील होती हैं। मैं उस पीओवी को पाने की कोशिश कर रहा हूं’।