नसीरुद्दीन शाह ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘कुछ फिल्मों और शो का दुष्प्रचार के रूप में यूज किया जा रहा है। साथ ही इसका इस्तेमाल चुनाव में वोट पाने के लिए लिए भी हो रहा है। ये सत्ताधारी दल ने बहुत चतुराई से इनका यूज कर रही हैं। यही कारण है कि आजकल पढ़े-लिखे लोगों का भी मुसलमानों से नफरत करना फैशन बन गया है।’
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा, ‘चुनाव आयोग भी ऐसी चीजों पर कुछ भी नहीं बोलता है। देश में राजनीतिक पार्टियां चुनावों के लिए धर्म का खुलकर का इस्तेमाल करती हैं। चुनाव आयोग हमेशा इन चीजों पर मूक बना रहता है। अगर कोई मुस्लिम लीडर अल्लाह हू अकबर का नाम लेकर वोट मांगता, तो अब तक बवाल खड़ा हो गया होता।’
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आदिपुरुष का गाना ‘राम सिया राम’ रिलीज होते ही यूट्यूब पर छाया, महज एक घंटे में मिले इतने व्यूज उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री भी आजकल इन सब चीजों का यूज करते हैं लेकिन फिर भी हार जाते हैं। इसलिए मुझे ये उम्मीद है कि ये खत्म हो जाएगा। उन्होंने ने कि यह धर्म का इस्तेमाल होना चुनावों में जल्द ही खत्म हो जायेगा।’
वर्कफ्रंट की बात करें तो नसीरुद्दीन शाह आखिरी बार बेव सीरीज ‘ताज’ में दिखाई दिए थे। इस सीरीज में उनके साथ एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी, आशिम गुलाटी, संध्या मृदुल, राहुल बोस जैसे दिग्गज कलाकार भी नजर आए थे।