दरअसल, 29 मई को सोनू सूद ने केरल में फंसे 168 प्रवासी मजदूरों ( Sonu sent 168 migrant workers to Odisha ) को उनके घर ओडिशा भेजा था। उन्ही में से एक 32 वर्षीय मजदूर प्रशांत कुमार प्रधान ( Migrant Worker Prashant Kumar Pradhaan ) ने एक वेल्डिंग शॉप ( Prashant opened Welding shop ) खोली है। प्रशांत ने बताया कि “वह केरल में एक पंलबर शॉप ( Prashant worked at plumbler shop ) में काम करते थे। जहां उन्हें 700 रुपये ( Prashant Earned 700 rupees per day ) हर दिन मिलते थे। लॉकडाउन की वजह से उनका काम-धंधा पूरी तरह से बंद हो गया था। उनके सारे पैसे खत्म हो चुके थे और घर जाने की उम्मीद पूरी तरह से छोड़ चुके थे। तभी सोनू सूद उनकी जिंदगी में मसीहा के रूप में आए। वह घर पहुंचे और काम की तलाश करने लगे लेकिन काफी समय तक काम ना मिलने पर प्रशांत ने फैसला लिया कि वह खुद की वेल्डिंग ( Prashant decided to opened welding shop ) शॉप खुलेंगे। उन्होंने अपने घर से 140 किलोमीटर दूर भुवनेश्वर में अपनी दुकान खुली है।
प्रशांत ने अपनी दुकान का नाम सोनू सूद और उनकी तस्वीर का इस्तेमाल ( Prashant took permission for using sonu sood photo and his name ) करने के लिए अभिनेता से परमिशन भी मांगी थी। सोनू सूद की तारीफ ( Sonu sood praised him ) करते हुए प्रशांत ने उन्हें एक अच्छा इंसान और नेक दिल शख्स बताया। प्रशांत की दुकान खोलने पर सोनू सूद ( Sonu sood congratulate prashnat ) ने भी बधाई दी। सोनू ने कहा कि प्रशांत एक मेहनती ( Prashant is a hard working person ) आदमी हैं। वह जब भी वह ओडिशा जाएंगे तो वह प्रशांत के दुकान ( Sonu will visit prashant shop ) पर जरूर जाएंगे। सोनू सूद के इस जवाब ने फिर से सैकड़ों लोगों को अपना दीवाना बना दिया है। बता दें आज भी महीनों बाद सोनू प्रवासी मजदूरों ( Sonu stil helping migrant workers ) की मदद में जुटे हुए हैं।