कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा की ऐसा क्या हो गया था कि दोनो ने 4 साल तक एक दुसरे से बात ही नहीं की। खबरों की मानें तो, लता मंगेशकर जी चाहती थीं की मयूजिक डायरेक्टर्स की तरह सिंगर्स को भी गानों की रॉयल्टी में हिस्सा मिलना चाहिए। लेकिन मोहम्मद रफी ऐसा नहीं चाहते थें। रफी साहब का मानना था कि सिंगर को जब एक गाने के लिए फीस मिल जाती है तो फिर रॉयल्टी में उसका कोई हक नहीं रह जाता।इसी बात को लेकर दोनो में काफी दिनों तक बातचीत बंद थी।
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शम्मी कपूर ने इस अभिनेत्री को ‘सनकी’ बोला, तो खत्म हो गया करियर लता मंगेशकर ने कई सारे गानों को रफी साहब के साथ करने से मना कर दिया था।दोनो ने करीब 4 साल तक एक- दुसरे के साथ काम नहीं किया था। साल 1961 में फिल्म माया के गाने की रिकार्डिंग के दौरान जब लता मंगेशकर ने रफी साहब से रॉयल्टी को लेकर उनकी राय पूछी, तो उन्होंने साफ मना कर दिया। तब लता जी ने उसी स्टूडियो में यह बात कहा कि आगे से मैं रफी साहब के साथ कोई गाना नहीं गाऊंगी।