हिंदी सिनेमा के इस चमकते सितारे ने 31 मार्च 1972 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 31 मार्च को मीना कुमारी की पुण्यतिथि पर उनकी ज़िंदगी का एक किस्सा जो काफी मशहूर हुआ, आपको बताते हैं…
हिंदी सिनेमा का वो दौर जब मीना कुमारी का नाम देश में हर किसी की ज़ुबान पर था। लेकिन ऐसे चमकते सितारे को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री पहचान भी नहीं पाए थे।
हुआ ये कि मुंबई में ‘पाकीजा’ फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को फ़िल्म की शूटिंग देखने के लिए महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने आमंत्रित किया सादगी पसंद प्रधानमंत्री शास्त्री सीएम के आग्रह को नजरअंदाज नहीं कर पाए।
देश के जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब ‘On Leaders and Icons: From Jinnah to Modi’ में इस कहानी को संजीदगी से इस तरह से लिखा गया है- ‘उस वक्त स्टूडियो में कई बड़े कलाकार मौजूद थे, लाल बहादुर शास्त्री को मीना कुमारी ने जैसे ही माला पहनाई। शास्त्री जी ने बड़ी ही विनम्रता से मुझसे पूछा- यह महिला कौन है। मैंने हैरानी जताते हुए उनसे कहा- मीना कुमारी। शास्त्री ने अपनी अज्ञानता व्यक्त की। फिर भी मैंने उनसे सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार करने की अपेक्षा कभी नहीं की थी।’
शास्त्री जी की सादगी और साफगोई का ज़िक्र करते हुए कुलदीप नैयर ने लिखा कि, ‘ शास्त्री जी यह बात पब्लिक में पूछेंगे मैंने कभी नहीं सोचा था। हालांकि मैं शास्त्री जी के इस भोलेपन और ईमानदारी से बेहद प्रभावित हुआ था। बाद में लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी स्पीच में मीना कुमारी को संबोधित करते हुए कहा था- मीना कुमारी जी…मुझे माफ करें मैंने आपका नाम पहली बार सुना है।’ उस दौर की खूबसूरत अभिनेत्री जिसे पूरा देश जानता था उन्हें इस बात को सुन काफी अफसोस भी हुआ था।