कई मौकों पर के के मेनन ने खुद कहा है कि वह हर किरदार को निभाने के बाद यह सोचते थे कि यह उन्हें बुलंदी तक पहुंचाएगा, लेकिन ऐसा कभी भी नही हो सका। और वह आज भी एक अंडररेटेड एक्टर ही हैं।
के के मेनन का जन्म 2 अक्टूबर 1966 को केरला में हुआ। वह एक आर्मी फैमिली से आते थे। इसलिए उनका शुरूआती जीवन देश के कई हिस्सों में बीता। वह बचपन से एक्टिंग के प्रति पैशेनेट थे। वह अपने स्कूली दिनों से प्ले आदि में हिस्सा लिया करते थे। एक इंटरव्यू में उन्होनें बताया था कि उन्होनें सबसे पहले एक नाटक में फूल का रोल प्ले किया था।
हालांकि के के मेनन पढ़ाई के लिए भी सजग थे। इसलिए उन्होनें अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करके एमबीए किया। इसके बाद उन्हें ने एक स्टार्टअप कम्पनी खोली। जो पब्लिक रिलेशनशिप और विज्ञापन से संबंधित थी। कम्पनी अच्छी चल रही थी। लेकिन उनका मन इस काम में नहीं लग रहा था।
इसके बाद उन्होनें इस कम्पनी को छोड़कर थियेटर ज्वाइन करने का विचार किया। इसी सिलसिले में के के मेनन नसीरउद्दीन शाह के थियेटर ग्रुप मे किसी रोल की तलाश में पहुंचे। लेकिन नसीर साहब उन्होनें किसी कास्ट की जगह खाली नहीं है, यह कहकर जाने को कहा।
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जानें कुछ सेकेंड के वीडियो ने कैसे चौपट कर दिया मंदाकिनी का एक्टिंग करियर इस पर के के मेनन ने उनसे कहा कि वह किसी भी प्रकार का रोल करने के लिए तैयार हैं। के के मेनन का जुनून देखकर नसीरउद्दीन शाह ने उन्हें एक छोटी सी भूमिका दे दी। इसके बाद के के मेनन नियमित रूप से नाटकों का हिस्सा रहने लगे।
लेकिन उनके लिए लाइफ चेजिंग मोमेंट बना गांधी जी से संबंधित नाटक गांधी माय फादर। इस नाटक में नसीर साहब ने गांधी जी की भूमिका निभाई और उनके बड़े बेटे हीरालाल का किरदार के के मेनन ने निभाया। इस एक्ट में के के मेनन की एक्टिंग देखकर कई लोग प्रभावित हुए।
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शक्ति कपूर को दर्जी बनाना चाहते थे उनके पिता, जानें उनसे जुड़ी ये रोचक बातें बाद इस प्ले पर एक फिल्म भी बनाई गई। जिसका नाम था गांधी माय फादर। इस फिल्म में हीरालाल के किरदार में अक्षय खन्ना नजर आए थे। हीरालाल के किरदार के बाद के के मेनन को अधिक इंतजार नही करना पड़ा और उन्हें भोपाल गैस त्रासदी पर बनी फिल्म भोपाल एक्सप्रेस में डेब्यू करने का मौका मिला।