फिल्म मेकिंग में बादशाह का तमगा हासिल करने वाले आईएस जौहर को कई विधाओं में महारत हासिल थी। उनका जन्म साल 1920 के दौरान झेलम (अब पाकिस्तान में) जिले में हुआ था। 27 साल की उम्र तक वह झेलम में ही रहे। 1947 के दौरान जब देश के बंटवारे की चर्चा चल रही थी, उस दौरान आईएस जौहर एक शादी में शरीक होने पटियाला आए थे। उस दौरान दंगे भड़क गए और वह पाकिस्तान कभी नहीं जा पाए। जालंधर में एक साल बिताने के बाद आईएस जौहर मुंबई पहुंच गए।
मुंबई में यूं दिखाया जौहर
मुंबई आने के बाद आईएस जौहर को काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने सबसे पहले फिल्मों की कहानियां लिखीं। इसके बाद धीरे-धीरे फिल्म मेकर्स से संपर्क बढ़ाया। साथ ही, 12 फिल्में डायरेक्ट कीं और चार फिल्में तो खुद ही प्रॉड्यूस भी कीं। उन्होंने पहली फिल्म बनाई जोहर मेहमूद इन गोवा जो काफी हिट हुई। इसके बाद उन्होंने ऐसी सात फिल्म बनाई जिनके टाइटल में उनका नाम था। जिससे उन्हें लगने लगा की उनके नाम से लोग उनकी फिल्म को देखने आएंगे।
भाई ने किया जुर्म और खुद जाना पड़ा जेल
आईएस जौहर का एक जुड़वा भाई भी था, जो बिल्कुल उनकी तरह दिखता था। उस भाई की वजह से कई बार उनकी पिटाई भी हुई थी। वहीं, एक बार तो जेल की हवा भी खानी पड़ गई थी। दरअसल, आईएस जौहर के उस भाई ने क्राइम किया था और पुलिस ने एक जैसी शक्त की वजह से उन्हें पकड़ लिया था।
बेनजीर को दिया फिल्म का ऑफर
फिल्मों के अलावा राजनीति में भी आईएस जौहर की काफी दिलचस्पी थी। भारत-पाक युद्ध के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो अपनी बेटी बेनजीर भुट्टो के साथ शिमला समझौता करने भारत आए, तब आईएस जौहर ने बेनजीर भुट्टो को अपनी फिल्म में हीरोइन बनाने का ऑफर भी दिया था।