इसका खुलासा खुद प्रगति ने किया। उन्होंने बताया कि जिस समय फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हुई मैं उन दिनों प्रेग्नेंट थीं, लेकिन मैंने फिल्म को लेकर काम शुरू कर दिया था। मैंने रिसर्च की। कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में स्थित एक गांव का दौरा किया, जहां आसपास के अन्य गांव के लीडर्स रहते थे।
फिल्म ‘कंतारा’ के लिए एक्टर ने छोड़ा नॉन वेज
उन्होंने बताया कि राजा-राजी की ड्रेस और ज्वैलरी का आइडिया वहीं से मिला। इतना ही नहीं उन्होंने इस हालत में रानी अब्बक्का के म्यूजियम का भी दौरा किया, जिससे उन्हें इनके कल्चर के बारे में काफी कुछ जानने को मिला।प्रगति ने बताया था, कॉस्ट्यूम के लिए उनके पास मुख्य रूप से तीन लोग थे रॉकी, किरन और चार अन्य कॉस्ट्यूमर्स जो किसी सीन के लिए कॉस्य्यूम की निरंतरता को ये देखते थे। ये ड्रेस मुख्य रूप से बंगलुरू, मंगलुरु, उडुपी, मणिपाल और कुंडापुरा के अलग-अलग वेंडर्स से मंगाई जाती थी। वो वेंडर्स पार्सल को बस में छोड़ देते थे और उनकी टीम उसे वहां से कलेक्ट कर लेती थी। प्रगति ने बताया कि उनके पास हर किरदार के लिए एक खास ड्रेस थी।
प्रगति ने कहा ‘कांतारा में कुल 4 फाइट होती हैं और हमारे पास सभी कॉस्ट्यूम के 4 सेट तैयार थे। इसके बावजूद, कुछ पोशाक और जूते पूरी तरह से खराब हो गए थे और हमारे पास उन्हें सही करने के लिए पर्याप्त समय नहीं था। इसलिए हमने बिहाइंड द सीन जाकर कपड़ों पर थोड़ी सी मिट्टी लगानी पड़ी ताकि वह पुराने दिखें। अगर एक्टर्स को पता लग जाता कि हमने ऐसा किया है, तो निश्चित रूप से वह उन्हें पहनने से मना कर देते।’
उन्होंने बताया कि ‘देव कोला अलंकार पहनने के बाद वह सिर्फ सिर्फ नारियल पानी ही पीते थे। देव कोला अलंकार पहनने के बाद मैं नारियल पानी के अलावा कुछ नहीं खाता-पीता था, मुझे बस इस सीक्वेंस के शूट से पहले और बाद में प्रसाद खाने को दिया जाता था।’