गितकार आगे कहते हैं कि ‘अगर फिल्म की कहानी अच्छी नहीं है और दर्शक इसे पसंद नहीं करेंगे और फिल्म भी काम नहीं करेगी। मुझे नहीं लगता कि कैंसिल कल्चर और बायकॉट की इस तरह की अपील कोई काम करती है। कोई भी अपील किसी को उसकी पसंद की फिल्म देखने जाने से नहीं रोक सकती’। इसके अलावा जावेद अख्तर ने आगे कहा कि ‘ये दौर बदलाव की बात कर रहा है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है’।
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जावेद अख्तर पहले एक इंटरव्यू के दैरान फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर (Karan JOahr) ने भी अपनी बात रखते हुए कहा था कि ‘फिल्म अगर अच्छी होगी तो चलेगी, जैसे कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया’ 2 और ‘जुग जुग जियो’’। आलिया भट्ट ने भी इस बारे में अपनी बात को सही ढंग से रखते हुए कहा था कि ‘मैं इन ट्रेंड्स पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देती’।
आलिया ने कहा था कि ‘किसी को नहीं पता कि ये ट्रेंड्स कहा से आ रहे हैं। मैं सिर्फ देखती हूं कि यह फिल्म ने अच्छा किया या नहीं। इसलिए मैं कह रही हूं कि दर्शक राजा हैं क्योंकि वे तय करते हैं कि वह पैसे देना चाहते हैं और थिएटर में फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं, कोई भी ट्विटर ट्रेंड इसे डिसाइड नहीं कर सकता है’।
हाल में एक न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने भी इस ट्रेंड पर अपनी बात करते हुए कहा था कि ‘मुझे नहीं पता कि बायकॉट ट्रेंड कब तक बिजनेस को अफेक्ट करेगा। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद आलिया भट्ट को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया था और ये पूरी तरह से अनफेयर था’।
एक्ट्रेस ने आगे कहा था कि ‘उस समय बॉलीवुड के ए लिस्टर्स स्टार्स पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे’। एक्ट्रेस ने अपनी बात को पूरा करते हुए कहा कि ‘उस टाइम ‘सड़क-2’ रिलीज हुई थी। फिल्म को बायकॉट करने की बात की गई। निगेटिव पब्लिसिटी की वजह से फिल्म का काफी बुरा हाल हुआ’।