गर्मी की तेज धूप और मजदूरों का पैदल घर जाने से आने वाली कई कठिनाइयों भरे प्रवासी मजदूरों के ये हालात देखकर जावेद अख्तर का गुस्सा फूट पड़ा है। जावेद अख्तर ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कई अहम सवाल उठाए हैं।
जावेद ने अपने ट्वीट में लिखा, “30 जून तक ट्रेन नहीं चलाने का क्या मतलब है? प्रवासी मजदूर वापस अपने घर जाना चाहते हैं और वापस जाने का उन्हें पूरा अधिकार भी है, लेकिन रसूखदारों के इशारों से मजदूर वर्ग को रोकने की कोशिश की जा रही है। गलत तरीके से उनके रास्ते को रोकने की कोशिश करके हम उन्हें बंधुआ मजदूरी में बदलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं?”
हालांकि कुछ राज्य अपने यहां के प्रवासी मजदूरो को बुलाने के लिए साधन मुहैया करा रही हैं। और इन समस्या को हल करने के लिए नए कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। इसके बाद पीएम मोदी ने विश्वास जताया है कि इससे प्रवासी मजदूरों को भी लाभ मिलेगा।