लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरवयू में बताया था कि वो जगजीत सिंह की आवाज की बहुत बड़ी फैन हैं। वो उनके लाइव कॉन्सर्ट्स में जाया करती थीं। एक बार लता मंगेशकर को पता चला कि जगजीत सिंह का शो होने वाला है तो उन्होंने तुरंत टिकट खरीद उनकी आवाज सुनी थी। जगजीत सिंह द्वारा गाई हुई गजलों (Jagjit Singh Ghazals) में लता मंगेशकर की एक फेवरेट गजल भी है। जिसे वो अक्सर सुना करती हैं। ‘सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता’ नाम की गजल लता मंगेशकर को बेहद पसंद है।
लता मंगेशकर ने जगजीत सिहं को लेकर कहा था कि उनकी गजले हमेशा लोगों को याद रहेंगी। आज के नए गायक उस तरह की गजलें नहीं गा रहे हैं। जगजीत सिंह का दौर, उनका स्टाइल, गाने की शैली अब चला गया। कहते हैं कि जगजीत सिंह की आवाज में उनके जवान बेटे के निधन के बाद बहुत दर्द आ गया था। गजल सम्राट कहे जाने वाले जगजीत सिंह ने साल 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्हें ब्रेन हेमरेट हुआ था जिसका इलाज कुछ दिन तक चला लेकिन उसके बाद जगजीत सिंह का निधन हो गया। जगजीत सिंह की मखमली आवाज आज भी लोगों के कानों के सुकून देती है और हमेशा देती रहेगी।