प्रभाकर मिश्रा/दीपक पटेल जबलपुर। बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म मोहनजोदड़ो की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म का एक हिस्सा मध्यप्रदेश के जबलपुर में शूट किया जा रहा है। शुक्रवार को इस शूटिंग का हिस्सा पत्रिका.कॉम की टीम भी बनीं। जानिए क्या हुआ शूटिंग के दौरान… ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बन रही फिल्म मोहनजोदड़ो में चार हजार साल पुरानी शहरी सभ्यता को जीवंत करने के लिए डायरेक्टर आशुतोष गोवारीकर अपनी 200 सदस्यीय यूनिट के साथ पहले ही डेरा डाल चुके हैं। फिल्म के हीरो ऋतिक रोशन भी शुक्रवार शाम को जबलपुर पहुंचे। शनिवार को ऋतिक का मगरमच्छ से जबर्दस्त फाइटिंग सीन शूट किया जाएगा। इसलिए चुना भेड़ाघाट को चूंकि मोहनजोदड़ो शहरी सभ्यता के अवशेष पाकिस्तान में हैं। शूटिंग के लिए रियल लगने वाली और सुरक्षित जगह की तलाश शायद यहीं आकर पूरी हुई हो। इस बात का संकेत फिल्म के डायरेक्टर गोवारीकर ने पत्रिका से बातचीत में भी दिए… अद्भुत, बेमिसाल, अतुल्य हैं संगमरमरी वादियां तस्वीरों में स्वर्गद्वारी, रानी महल का ध्वस्त हुआ ढांचा, पुराने शिला लेख और दत्तात्रेय की गुफा को नर्मदा के किनारे देखा तो हूबहू सिन्धू घाटी नजर आई। साढ़े 4 हजार साल पुरानी मोहनजोदड़ो की सबसे प्राचीन सभ्यता यहीं साकार होती दिखी। कुछ महीने पहले भेड़ाघाट भ्रमण के दौरान त्रिमूर्ति प्वाइंट में सैकड़ों फीट ऊंची चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा को देखकर लगा यही वो स्थान है जिसे दुनिया ने कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि पहले सभ्यताओं का विकास नदी किनारे ही होता था और धुंआधार से लेकर लम्हेटाघाट, पंचवटी सभी उस सभ्यता की परिकल्पना में फिट बैठते हैं। यही वजह रही मोहनजोदड़ो की शूटिंग के लिए भेड़ाघाट को चुना। गोवरीकर ने कहा जो कुछ यहां है वो कहीं नहीं, अद्भुत, बेमिसाल, अतुल्य हैं संगमरमरी वादियां। स्पॉट चयन में आपने और क्या देखा? सबसे पुरानी सभ्यता के लिए मौजूद अनुकूल परिस्थितियां, लम्हेटाघाट के पुराने खंडहर हो चुके मंदिर, जमीन की खुदाई से निकलती हैं प्रतिमाएं। मोहनजोदड़ो की सभ्यता का विकास सिंधु घाटी में हुआ था, फिर भेड़ाघाट क्यों पसंद आया? स्पॉट चयन में मुख्य रूप से ये कारण जिम्मेदार, हजारों साल पुराने बादल महल के अवशेष, रानी महल का ढांचा, पुराने शिला लेखों की मौजूदगी, दत्तात्रेय की गुफा, हजारों साल पुरानी, चट्टानों से होकर गुजरती नर्मदा। साकार हो गया आदिम युग सुरम्यवादियों और खुशनुमा मौसम के बीच कल-कल बहती नर्मदा में मगरमच्छों की पोजीशन तय कर ली, फिर उन पर फिल्माए जाने वाले सीन शूट किए गए। फिल्म डायरेक्टर आशुतोष गोवरीकर की फिल्म ‘मोहनजोदड़ोÓ में मगरमच्छों की पोजीशन बदली फिल्म की शूटिंग में अब तक तीन मगरमच्छों का उपयोग किया गया है। तीनों मगरमच्छों की पोजीशन शूटिंग के दौरान कई बार बदली गई। स्वर्गद्वारी से लेकर बंदरकूदनी, त्रिमूर्ति प्वाइंट, दत्ता गुफा होते हुए द ग्रेट अशोका प्वाइंट तक ले जाया गया। शूटिंग देखने उमड़े पर्यटक शूटिंग देखने भेड़ाघाट में पर्यटकों की जमकर भीड़ उमड़ी। हर कोई फिल्म के शूटिंग स्थल पर पहुंचना चाहता था। पंचवटी में एक सीन के लिए सेट तैयार किया जा रहा था। कई पर्यटक यहां से नौकाओं में सवार होकर शिवपिंडी प्वाइंट तक पहुंचे। शिवपिंडी पर मौजूद पुलिस के जवान और फिल्म यूनिट के सुरक्षाकर्मियों ने नौकाओं को आगे नहीं जाने दिया। मोटर बोट पर सवार फिल्म यूनिट दिनभर अलग-अलग प्वाइंट्स पर फिल्म के सीन सूट करती रही। पूरी यूनिट भेड़ाघाट में फिल्म की पूरी यूनिट भेड़ाघाट के होटलों में ठहरी हुई है। भेड़ाघाट नगर परिषद के प्रतिनिधि, नगर पंचायत के अधिकारी, स्थानीय पुलिस प्रशासन उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं। नगर पंचायत के कर्मचारियों की विशेष तौर पर ड्यूटी लगाई गई है। जबकि पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था और शूटिंग के दौरान निजता मुहैया कराने के लिए तैनात किया गया है।