स्पीलबर्ग ने बड़ी सूझबूझ से फिल्म में बताया कि रिश्तों और प्रेम को निभाने के मामले में बड़ों के मुकाबले बच्चे आगे रहते हैं। फिल्म की कहानी मेलिसा मेथिसन (हॉलीवुड अभिनेता हेरिसन फोर्ड की पूर्व पत्नी) ने लिखी थी, इसलिए उन्हें ही इस किरदार (ई.टी.) का जनक माना जाता रहा। ‘ई.टी.’ से प्रेरित होकर निर्देशक राकेश रोशन ने ‘कोई मिल गया’ (2003) बनाई। इसमें बच्चों जैसे दिमाग वाले ऋतिक रोशन और उनकी साथी बच्चा पार्टी जिस एलियन को छिपाकर रखती है, उसे ‘जादू’ नाम दिया गया। इसका पुतला बनाने पर काफी मशक्कत की गई थी, जो फिल्म की कामयाबी से सूद समेत वसूल हो गई। ‘कृष’ नाम से इसके दो सीक्वल के बाद राकेश रोशन चौथी कड़ी बनाने की तैयारी में हैं। खबर है कि ‘कृष 4’ में ‘जादू’ की वापसी हो सकती । सोशल मीडिया पर खुद ऋतिक रोशन इसके संकेत दे चुके हैं।
राकेश रोशन तो उधार की कल्पना को भुना रहे हैं, लेकिन स्टीवन स्पीलबर्ग की ‘ई.टी.’ में भी यह किरदार कोई मूल कल्पना नहीं था। बताया जाता है कि दिग्गज भारतीय फिल्मकार सत्यजीत रे ने साठ के दशक में ‘द एलियन’ नाम की कहानी लिखी थी, जिसमें बंगाल में आए एलियन की एक लड़के से दोस्ती की कल्पना की गई थी। इस पर फिल्म बनाने के लिए 1967 में रे की हॉलीवुड के बड़े स्टूडियोज में से एक कॉलम्बिया पिक्चर्स से चर्चा हुई। पीटर सेटलर्स और स्टीव मैक्वीन जैसे सितारों के साथ फिल्म शुरू की गई, लेकिन किन्हीं कारणों से यह पूरी नहीं हो सकी।
‘ई.टी.’ के प्रदर्शन के सालभर बाद एक इंटरव्यू में सत्यजीत रे ने कहा था कि ऐसा मुमकिन नहीं है कि हॉलीवुड में यह फिल्म उनकी कहानी पढ़े बगैर बनी हो। उनका तो यह भी कहना था कि स्टीवन स्पीलबर्ग की इससे पहले आई ‘क्लोज एनकाउंटर्स ऑफ द थर्ड काइंड'(1977) की प्रेरणा भी उनकी कहानी ही थी। किसी भी रचनाकार के लिए यह बड़ी त्रासदी है कि उसकी जो कहानी दुनियाभर में चक्कर काटे, उसका श्रेय उसे नहीं दिया जाए।