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Movie Review: श्रद्धा कपूर की हसीना पारकर देखने से पहले जानें कैसी है

Movie Review: श्रद्धा कपूर की ‘हसीना पारकर’ देखने से पहले जानें कैसी है…

Sep 22, 2017 / 03:05 pm

भूप सिंह

Shraddha_Kapoor

Shraddha_Kapoor

निर्देशक: अपूर्वा लखिया
कलाकार: श्रद्धा कपूर , अंकुर भाटिया, सिद्धांत कपूर, दधि पांडेय और अन्य
रेटिंग: 2 स्टार

अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर पर अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं इस बार मुंबई की अपराध की दुनिया में आपा नाम से मशहूर दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की कहानी को पर्दे पर लाया गया है। यह फिल्म अतीत और वर्तमान के अंदाज में कही गई है। यह फिल्म गैंग वॉर की घटनाओं के बाद दाऊद इब्राहिम के डॉन बनने की कहानी बताता है और दर्शाता है कि उसके परिवार को इन सब से किस तरह से गुजरना पड़ा विशेषकर उसकी बहन हसीना पारकर।

कहानी
यह कहानी मुंबई में 2007 के कोर्ट रूम में शुरू होती है जहां हसीना पारकर (श्रद्धा कपूर) के ऊपर कई केस के तहत सुनवाई हो रही है। वक़ील (प्रियंका सेतिया) के पूछे जाने पर हसीना पारकर अपने पिता (दधि पांडे), भाई दाऊद (सिद्धांत कपूर) और हसबैंड (अंकुर भाटिया) के बारे में कई बातें बताती है। इसी दौरान बाबरी मस्जिद, हिंदू मुस्लिम दंगे, मुंम्बई ब्लास्ट जैसी कई घटनाओं का जिक्र होता है। पारिवारिक मुद्दों के साथ ही अहम बातों की तरफ ध्यान आकर्षित किया जाता है। फिल्म को अंजाम क्या मिलता है इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा।

एक्टिंग
अभिनय की बात करें तो फिल्म की कास्टिंग सबसे मिसफिट हैं। एक दो सीन को छोड़ दे तो श्रद्धा कहीं से भी हसीना पारकर के दबंग किरदार के आसपास भी नहीं दिखती है। उनकी बॉडी लेंग्वेज हो या संवाद अदाएगी दोनों में वह परिपक्वता नज़र नहीं आई। श्रद्धा की बढ़ती उम्र को प्रोस्थेटिक मेकअप के जनिए दर्शाया गया होता तो बेहतर होता था। उनके गालों को जिस तरह से दिखाया गया है। उसे देखकर हंसी आती है कि जैसे चॉकलेट को मुंह में भरा गया है।

सिद्धांत कपूर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के किरदार में बहुत कमजोर रहे हैं। उनके चेहरे पर भावों की शून्यता साफ तौर पर दिखती है। उनकी बहुत खराब डबिंग हुई है। हसीना पारकर की खिलाफ लड़ रही वकील की भूमिका में दिखी अभिनेत्री ने अपने किरदार को पूरे आत्मविश्वास के साथ जीया है। अंकुर भाटिया अपने छोटे से किरदार में अच्छे रहे हैं बाकी के किरदार अपनी भूमिकाओं से कहानी को आगे बढ़ाते हैं।

संगीत
फिल्म का गीत संगीत भी बहुत कमोर है हां बैकग्राउंड संगीत जरूर थोड़ा अच्छा है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी औसत है। कुलमिलाकर यह फिल्म पूरी तरह से कमजोर फिल्म है फिर चाहे स्क्रीनप्ले हो या फिर कलाकारों का अभिनय।

क्यों देखें
फिल्म का डायरेक्शन और बैकड्रॉप अच्छा है। अपूर्व लाखिया की शूटिंग स्टाइल काबिल ए तारीफ है और प्रेजेन्ट करने का ढंग कमाल का है। कैरेक्टर एक्टर के तौर पर दधि पांडे ने हसीना के पिता का किरदार बढ़िया निभाया है वहीं हसीना के हसबैंड के रोल में अंकुर भाटिया फिट रहे हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अमर मोहिले ने उम्दा दिया है जो पूरी कहानी में जंचता है। अगर श्रद्धा कपूर के बहुत बड़े फैन हैं तो फिल्म एक बार देख सकते हैं।

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