बेहद उतार-ढ़ाव भरा रहा जीवन
नीरज का कहना है कि उन्हें इस बात का दुख है कि उनके जीते जी यह फिल्म शुरू नहीं हो पाई। अब यह फिल्म उनके लिए एक श्रद्धांजलि हो सकती है। उनका जीवन बेहद ही उतार-चढ़ाव भरा रहा है और हर कोई उनकी जिंदगी के बारे में जानना चाहता है। परिवार से उनकी बायोपिक के लिए परमिशन ले ली है। जल्द ही फिल्म की स्टारकास्ट का ऐलान किया जाएगा। प्रोड्यूसर फरहान अख्तर और रितेश सिद्धवानी ने काहनी सुनते ही इस पर अपनी सहमति दे दी। बताया जा रहा है कि जब फरहान अख्तर ने वशिष्ठ नारायण सिंह की कहानी सुनी तो उनकी आंखें नम हो गई थीं।
74 वर्ष की उम्र में कहा अलविदा
हाल ही वशिष्ठ नारायण सिंह का लंबी बीमारी के बाद 74 साल की उम्र में निधन हो गया। वे अपने गणितीय सूत्रों के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने ही पहली बार आइंस्टीन की ‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ को चुनौती दी थी। वशिष्ठ नारायण को किताबें पढ़ने का बेहद शौक था और वह अपना अधिकतम समय पढ़ने में गुजारते थे।