दीया मिर्जा का छलका दर्द, बोलीं- अपने पिता की कुछ चीजें रखना चाहती थीं, लेकिन सब सौतेले भाई को मिला
कुछ वक्त पहले दीया ने दूसरी शादी की थी। जिसके बाद हाल ही में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया है। लेकिन हाल ही में दीया ने खुलासा किया कि वह अपने दिवंगत पिता की कुछ चीजें संजोकर अपने पास रखना चाहती थीं, लेकिन उनके सौतेले भाई को ही सारी चीजें मिलीं।
दीया मिर्जा का छलका दर्द, बोलीं- अपने पिता की कुछ चीजें रखना चाहती थीं, लेकिन सब सौतेले भाई को मिला
नई दिल्ली। बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा दीया मिर्जा अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। वह फिल्मों में कम नजर आती हैं लेकिन आज भी लोगों को उनकी फिल्म रहना है तेरे दिल में याद है। अब भले ही वह पहले की तरह फिल्मों में ज्यादा एक्टिव न हों लेकिन पर्सनल लाइफ के कारण वह चर्चा में आ जाती हैं। कुछ वक्त पहले दीया ने दूसरी शादी की थी। जिसके बाद हाल ही में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया है। लेकिन हाल ही में दीया ने खुलासा किया कि वह अपने दिवंगत पिता की कुछ चीजें संजोकर अपने पास रखना चाहती थीं, लेकिन उनके सौतेले भाई को ही सारी चीजें मिलीं।
दरअसल, या के पापा फ्रैंक हैंड्रिच एक जर्मनी आर्टिस्ट थे। वह दीया की उम्र महज नौ साल की थी तब उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी मां दीपा बंगाली एक इंटीरियर डिजाइनर हैं। शादी ठीक से न चलने के कारण दीया के माता-पिता अलग हो गए थे। इसके बाद उनके पिता ने किसी और महिला से शादी कर ली थी। वहीं, दीया की मां ने भी हैदराबाद के अहमद मिर्जा से शादी कर ली। इन्हीं का सरनेम दीया अभी तक लगाती हैं।
अब हाल ही में दीया ने हार्पर बाजार’ मैगजीन को दिए इंटरव्यू में अपने बायोलॉजिकल पिता के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि वह अपने पिता की सम्पत्ति में से कुछ चीजें चाहती थीं, लेकिन सारी चीजें सौतेले भाई को मिलीं, जिनका जन्म उनके जाने के बाद हुआ था। दीया ने कहा, ‘उनकी सारी चीजें मेरे सौतेले भाई की मिली, जिसका जन्म पापा के जाने के बाद हुआ था। कुछ साल पहले मेरा सौतेला भाई मुझसे और मां से मिलने मुंबई आया था। मैंने उसे अपना घर दिखाया। इस दौरान कॉरिडोर की तरफ आया जहां मेरे बहुत सारे फोटोग्राफ थे, उनमें से एक तस्वीर मेरे बचपन की थी जिसमें मैं अपने पैरंट्स के साथ दिख रही हूं। उसी पल में पिता की चीजों को लेकर जो दर्द मेरे अंदर था, वह गायब हो गया। मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास जो चीज है वह बेशकीमती है जो उन्हें लेकर मेरी यादें हैं।’