‘1952 में जो हो रहा था… आज वही कुछ ऐसा ही हो रहा’
धर्मेन्द्र ने दिलीप कुमार की ये क्लिप शेयर करते हुए लिखा,’1952 में जो हो रहा था… आज वही कुछ ऐसा ही हो रहा। दिलीप साहब ‘फुटपाथ’ में।’ इस वीडियो क्लिप में दिलीप कुमार कहते नजर आ रहे हैं,’जब शहर में बीमारी फैली, तो हमने दवाइयां छुपा दीं और उनके दाम बढ़ा दिए। जब हमें मालूम हुआ कि पुलिस हम पर छापा मारने वाली है, तो हमने वहीं दवाइयां गंदे नाले में फिकवा दीं। मगर आदमी की अमानत को आदमी के काम नहीं आने दिया। मुझे अपने बदन से सड़ी हुई लाशों की बू आती है। अपने हर सांस में मुझे दम तोड़ रहे बच्चों की सिसकियां सुनाई देती हैं। हम जैसे जलील कुत्तों के लिए आपके कानून में कोई मुनासिब सजा नहीं होगी। हम इस धरती पर सांस लेने के लायक नहीं। हम इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं, इंसानों में रहने के लायक नहीं हैं। हमारे गले घोंट दो और हमें दहकती हुई आगों में जलाओ। हमारी बदबूदार लाशों को गलियों में फिकवा दो। ताकि वो गरीब और वो मजबूर लोग, जिनका हमने अधिकार छीना है। जिनके घरों पर हम तबाही लाए हैं, वो हमारी लाशों पर थूकें।’
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गौरतलब है कि दिलीप कुमार की फिल्म ‘फुटपाथ’ 1953 में रिलीज हुई थी। इस मूवी में दिलीप के साथ मीना कुमारी और अनवर हुसैन मुख्य भूमिकाओं में थे। इसका निर्देशन जिया सरहदी ने किया था। बता दें कि धर्मेन्द्र करंट और समाज से जुड़े मुद्दों पर सोशल मीडिया पर अपने विचार शेयर करते रहते हैं। पिछले दिनों उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी अपनी मजबूरी को शेयर किया था।