1976 में चंद्रकांत ( Chandrakant ) की आई फिल्म बजरंग बली ( Bajrangbali ) में सबसे पहले दारा सिंह ने हनुमान का किरदार निभाया था। ये फिल्म काफी बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। 11 सालों बाद फिर रामानंद सागर ने ‘रामायण’ बनाने की घोषणा की। विंदु दारा सिंह ( Vindu Dara Singh ) रामायण के बारें में बताते हुए कहा कि रामानंद सागर को सीता के रूप में दीपिका चखलिया ( Deepika Chikhalia ) एक ही नज़र में पसंद आ गई थी। लेकिन राम के किरदार में अरुण गोविल ( Arun Govil ) को लेकर वह थोड़ा असमंजस में थे। अरुण केवल राम का किरदार ही निभाना चाहते थे।
बात करें अगर हनुमान के किरदार की तो बेटे विंदु दारा सिंह ने बताया कि उनके पिता के सपनों में खुद हनुमान जी प्रकट हुए थे। जिसके बाद एक बार में ही दारा सिंह हनुमान का किरदार फिर से निभाने के लिए तैयार हो गए थे। रामानंद की रामायण के अलावा बीआर.चोपड़ा ( BR.Chopra ) की महाभारत ( Mahabharat ) में भी दारा सिंह को हनुमान के किरदार में देखा गया। लेकिन उस शो में उनका रोल बहुत छोटा था। दारा सिंह को हनुमान के साथ भारत के ही-मैन के नाम से भी जाना जाता था। लंबाई-चौड़ाई देख दूर से लोग समझ जाते थे कि दारा सिंह आ रहे हैं। उन्हें भारत का पहला एक्शन हीरो भी माना जाता था। फिल्मों में भी दमदार एक्शन से दारा सिंह लीड रोल एक्टर को भी मात दे देते थे। दारा सिंह ने राजनीति क्षेत्र में भी हाथ अजमाया और 2003 मं से वे खेल श्रेणी से राज्य सभा के पहले चुने गए सांसद थे। 2009 तक वे राज्य सभा के सांसद भी रहे।
फिल्म इंडस्ट्री में जहां हनुमान के किरदार की पहली पसंद दारा सिंह हुआ करते थे। वहीं अब उनके बेटे विंदु दारा सिंह हनुमान के रोल के लिए पहली पसंद बन गए हैं। लेकिन कहीं ना कहीं इस बात से कई बार विंदु डर भी जाते हैं कि उनके पिता द्वारा निभाए गए किरदार को वो कैसे निभाएंगे और क्या दर्शकों को पसंद आएगा।