हिंदी साउंडट्रैक में अंग्रेजी समेत किसी भी विदेशी भाषा के हस्तक्षेप को हमेशा कथन के प्रवाह में रुकावट के रूप में देखा जाता है। लेकिन नाडियाडवाला और अहमद खान फिल्म में जहां जरूरत हो वहां पर अरबी डायलॉग बरकरार रखने पर जोर देते हैं।
अहमद खान फिल्म को लेकर जानकारी देते हुए कहा, ‘हमारे पास अंग्रेजी और हिंदी में सबटाइटल होंगे जबकि हमारे किरदार अरबी में बोल रहे हैं। यह कथानक, स्थान और किरदारों की प्रमाणिकता को बरकरार रखने के लिए जरूरी है। मेरा मतलब यह है कि यदि फिल्म के किरदारों को हिंदी में बात करते सुना जा रहा है तो फिर सीरिया में फिल्म के कथानक की क्या जरूरत है।?’
उन्होंने कहा कि हिंदी में मनमाने ढंग से विदेशी फिल्मों को डब करने की प्रणाली ने भारत में कई हालिया हॉलीवुड फिल्मों के प्रभाव को खत्म कर दिया है। अहमद खान को लगता है कि किरदारों को उसी भाषा में बोलने देना जरूरी है जहां से वे हैं। उन्होंने कहा, ‘जरा सोचिए कि यदि जोकर हिंदी में बात करता तो वह कितना हास्यास्पद लगता।’