इस वजह से Akshay Kumar को पत्नी Twinkle Khanna के आगे जोड़ने पड़ते हैं हाथ, कभी छूने पड़ते हैं पैर
अमिताभ बच्चन ने लिखा कि ‘फिर मैंने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि साल 1978 में आई मेरी फिल्म मुकद्दर का सिकंदर वो देखना चाहते थे, तो उन्होंने कहीं से 10 रुपये का जुगाड़ किया था. इसके बाद वो फिल्म देखने के लिए कई किलोमीटर दूर की यात्रा करने के बाद थियेटर पहुंचे थे. टिकट लेने के लिए वो वहां घंटों इंतजार कर रहे थे और जब टिकट काउंटर की विंडो पर उनकी बारी आई तो वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी कर दिया. हमारा ये फैन थियेटर्स की भगदड़ झेलने और पुलिस की लाठी खाने के चलते जमीन पर गिर गया और उनके सर पर चोट भी आई थी’.
अमिताभ ने अपने ब्लॉग में आगे लिखा कि ‘इतना सब होने के बाद उनके 10 रुपये भी खो गए थे. इसके बाद उन्होंने ये प्रण लिया कि अब वे इस फिल्म को तभी देखेंगे जब इस फिल्म के मेन हीरो यानी अमिताभ बच्चन उनके साथ बैठकर इस फिल्म को देखेंगे. इस बात को कई साल गुजर चुके हैं और अब भी वे अपने प्रण पर कायम हैं’. अमिताभ ने बताया कि ‘मैंने उन्हें ब्याज समेत उन्हें 20 रुपये लौटाए थे. मैंने उन्हें ये भी आश्वासन दिया था कि एक दिन आएगा जब हम साथ में ये फिल्म जरूर देखेंगे’. बता दें कि इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना और रेखा जैसे कई बड़े सितारे नजर आए थे.