बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वे आए दिन अपनी दिनचर्या और वर्कफ्रंट से फैंस को अपडेट करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने ट्विटर पर ‘नमस्कार’ की परिभाषा बताई है। महानायक के मुताबिक यह केवल हमारी सभ्यता का प्रतीक, प्रथा या परम्परा नहीं है। बल्कि यह हमारा आदर्श और हमारी संस्कृति का ध्वज है। बिग बी ने लिखा है कि इससे हम सम्मान भी करते हैं। हम पूजा, विनती और प्रणाम भी करते हैं।
अमिताभ ने लिखा, ‘यह नमस्कार केवल हमारी सभ्यता का प्रतीक नहीं है। केवल एक प्रथा या परंपरा नहीं है। यह नमस्कार हमारा आदर्श है। एक प्रकार से हमारी संस्कृती का ध्वज है। इस नमस्कार से हम सम्मान भी करते हैं। आदर भी करते हैं। हम पूजा भी करते हैं। विनती भी करते हैं। प्रणाम भी करते हैं। और कभी कभी इसी नमस्कार से हम संकोच भी करते हैं। नमस्कार में बहुत शक्ति होती है। बहुत ताकत है। फिर भी नमस्कार में क्रोध नहीं है। हिंसा नहीं है। नमस्कार में स्नेह भी होता है। प्रेम भी होता है। अन्तर भी होता है। भेद भी होते हैं। श्रद्धा भी होती है। संकल्प भी होता है।’
उन्होंने लिखा, ‘यह नमस्कार कभी-कभी आत्मा का संबंध है और रिवाजों के बीच अंतर भी है। यह सम्मान के साथ-साथ रिश्ते का प्रतीक है। जब हम नमस्कार करते हैं तो हम अभी संस्कृतियों का सम्मान कर रहे होते हैं। सिर्फ एक नमस्कार से हमारी रचनात्मकता सभी संस्कृतियों को सर्व कर सकती है।’ वर्कफ्रंट की बता करें तो इस अमिताभ की ‘ब्रह्मस्त्र’, ‘गुलाबो सिताबो’ और ‘चेहरे’ फिल्में रिलीज होने जा रही है।