सिर्फ इल्जाम है कि इसमें कुछ सच्चाई भी है दरअसल साल 2002 में एनडीटीवी के पुराने कार्यक्रम, ‘इंडियननामा’ के सिलसिले में पत्रकार तवलीन सिंह अमिताभ बच्चन से मिलने पहुंची थीं। उन्होंने अमिताभ से पूछा था कि ‘फिल्म इंडस्ट्री पर जो इल्जाम लगता है कि यहां बड़ा गलत किस्म का पैसा लग रहा है…माफियाओं का पैसा, अंडरवर्ल्ड का पैसा है। क्या ये सिर्फ इल्जाम है कि इसमें कुछ सच्चाई भी है?
जवाब में अमिताभ ने कहा था कि ‘नहीं, मैं ऐसा नहीं कह पाऊंगा कि इसमें कोई सच्चाई है या नहीं। हम अपनी तरफ से जितना हो सके, उतनी तहकीकात करते हैं कि आपने पहले क्या किया है, क्या प्रोड्यूस किया है, कौन सी फिल्में बनाईं, इंडस्ट्री के आपकी क्या रेपुटेशन है। वो देखकर हम एक प्रोड्यूसर को अपनाते हैं या उसके साथ काम करते हैं।’
उसमें हमारी जिम्मेदारी इतनी नहीं होती है अमिताभ ने आगे कहा था कि ‘अगर वो किसी और जगह से या गलत जगह से पैसा ला रहा है तो उसमें हमारी जिम्मेदारी इतनी नहीं होती है। हमें अपने काम से मतलब है और काम के बाद जो निर्धारित वेतन होता है उसे लेकर हम घर जाते हैं। कहां से आ रहा है वो पैसा, हमें नहीं मालूम होता।
आपको बता दें कि बॉलीवुड एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के बीच उन दिनों अंडरवर्ल्ड का खौफ भी बना रहता था। एक बार अनिल कपूर के पीछे भी अंडरवर्ल्ड के कुछ लोग पड़ गए थे। दरअसल फिल्म ‘आवारगी’ निल कपूर एक अंडरवर्ल्ड डॉन के आदमी की भूमिका में निभा रहे थे। जिसके चलते वो एक गैंगस्टर से मिलने जेल गए थे।
जब ये बात अंडरवर्ल्ड को पता चली तो उन्होंने अनिल कपूर को बुलाकर पूछा कि क्या वो उस गैंग से दोस्ती बिलकुल ना करें। अनिल कपूर ने अंडरवर्ल्ड के लोगों को बताया था कि उनका किसी गैंग से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि वो अपनी एक्टिंग के सिलसिले में गैंगस्टर से मिलने गए थे।