खुराना ने अपने करियर की शुरुआत फेमस रियालिटी शो एमटीवी रोडीज के साथ की थी। इन्होनें इस शो के दूसरे सीजन में हिस्सा लिया। और विजेता भी बने। चूकिं आयुष्मान ने पत्रकारिता की डिग्री हासिल की थी। इसलिए उन्होनें एक प्रतिष्ठित रेडियों में बतौर रेडियो जॉकी भी काम किया। रोडीज जीतने के बाद उन्हें एकंरिग के लिए अप्रोच किया जाने लगा। इसके बाद वे कई रियालिटी शोज में एंकर के रूप में नजर आए।
लेकिन आयुष्मान को बतौर एक्टर पहचान 2012 में मिलीं। जब वे पहली बार एक यूनिक कंटेंट की फिल्म ‘विकी डोनर’ में नजर आए। इस शो में एक जटिल मुद्दे को कॉमिक अंदाज में दिखाने के आयुष्मान समेत मेकर्स को दर्शकों बहुत सराहना मिली। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना ने स्पर्म डोनर का रोल निभाया था। जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर डेब्यू का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला।
इसके बाद आयुष्मन को कुछ एक फिल्में मे काम मिला जो ऑडियंस पर ज्यादा असर नहीं छोड़ पाईं। 2015 में रिलीज ‘दम लगा के हईशा’ ने आयुष्मान के करियर को रफ्तार की पटरी पर डाल दिया। जिसके बाद उन्हें बरेली की बर्फी, शुभ मंगल सावधान, बधाई हो, आर्टीकल 15 और अंधाधुंध जैसी सुपरहिट फिल्मों में देखा गया। जिसके बाद उनके अभिनय का लोहा दुनिया माना। अंधाधुंध के लिए आयुष्मान को बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
एक्टिंग के अलावा आयुष्मान खुराना अपने नाम को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। आयुष्मान अपने नाम की स्पैलिंग में डबल N और और सरनेम में डबल R का प्रयोग करते हैं। जबकि आमतौर पर यह स्पैलिंग अलग होती है। इसके पीछे भी एक रोचक किस्सा जुड़ा हुआ है। दरअसल आयुष्मान के पिता एक ज्योतिष हैं। उनके अनुसार यह स्पैलिंग आयुष्मान के लिए लकी है। इसीलिए आयुष्मान अपने नाम को
Ayushmann Khurrana लिखते हैं। हालांकि कहा यह भी जाता है कि आयुष्मान खुराना के पहले नाम निशांत था। जिसे बाद में आयुष्मान से बदल दिया गया था।
हालांकि आयुष्मान के पिता के तर्क आयुष्मान के करियर के हिसाब से फिट भी बैठता है। वह इतने कम समय में ही बॉलीवुड में खास किस्म की फिल्मों के लिए पहचाने जाते हैं। एक्टिंग के अलावा आयुष्मान को उनकी गायन के लिए भी जाना जाता है। उन्होनें एलबमों के साथ कई फिल्मों भी अपनी आवाज दी है। फिल्म विकी डोनर में गाए ‘पानी दा रंग’ गाने के लिए आयुष्मान बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर का अवार्ड भी जीत चुके हैं।