ऐसा हो खानपान –
‘ब्रेन बायो सेंटर’ के न्यूट्रिशनल थैरेपिस्ट डेबोरा कॉल्सन के मुताबिक बच्चों को नाश्ते में पुडिंग, आटे से बनी ब्रेड, लापसी, राबड़ी आदि दे सकते हैं। ऐसे पदार्थ दिमाग को एनर्जी देते हैं। बच्चे को कोल्ड ड्रिंक, कॉफी या बर्फ का गोला आदि ना दें। इनसे उनकी नींद पर बुरा असर पड़ता है और एकाग्रता भी भंग होती है। इनकी बजाय फल, सब्जियां, दाल, सूखे मेवे, मूंगफली, चना, लोबिया, दालें आदि खिलाएं। माता-पिता इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि बच्चा पर्याप्त मात्रा में पानी पीए क्योंकि पानी की कमी से दिमाग पर असर पड़ता है।
माता-पिता का व्यवहार –
माता-पिता द्वारा अपने बच्चे के साथ किया गया व्यवहार व कई ऐसी गतिविधियां हैं, जो उसकी ब्रेन पावर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। जैसे बच्चे के साथ पढ़ना, उसे कविताएं गाकर सुनाना फिर उसे सुनाने को कहना, पेंटिंग, ड्रॉइंग आदि के लिए प्रेरित करना, अक्षरों व संख्याओं वाले खिलौनों से खिलाना, बच्चे को घुमाने ले जाना और उसे मित्र बनाने के लिए प्रेरित करना।
घरेलू माहौल –
पेरेन्टिंग एक्सपर्ट एलिजाबेथ हर्टले ब्रीवर का कहना है कि जब माता-पिता बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताते हैं और उनकी गतिविधियों में दिलचस्पी दिखाते हैं तो बच्चे का आत्मसम्मान बढ़ता है। ऐसे बच्चों में सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है जिससे वे खुश रहते हैं और स्कूल में उनका प्रदर्शन बढ़िया रहता है।
बच्चों पर करें भरोसा –
इन सबके अलावा बच्चों पर भरोसा करें। उन्हें अच्छा काम करने के लिए शाबासी दें या घर की रफ कॉपी में बढ़िया काम करने पर गुड या एक्सीलेंट से उनका उत्साह बढ़ाएं।