महिलाओं की अधिक उम्र में शादी, प्रोफेशनल लाइफ के चलते देरी से फैमिली प्लानिंग, खानपान पर ध्यान न देना, हाइजीन का अभाव, नौकरी का तनाव, जागरुकता की कमी, पैल्विक इंफ्लेमेट्री डिजीज यानी बच्चेदानी के आसपास सूजन भी कारण हैं। पुरुषों में स्पर्म डिफेक्ट, काउंट कम होना आदि कारणों से भी परेशानी हो सकती है।
आईवीएफ के तहत महिला-पुरुष दोनों की प्रमुख जांच की जाती है। महिला में एफएसएच, एलएच, टीएसएच आदि प्रजनन हार्मोन संबंधी जांचें के साथ बच्चेदानी व जननांग की स्थिति जानने के लिए सोनोग्राफी करते हैं। जेनेटिक टैस्टिंग व एग काउंट (एएमएच)टैस्ट के अलावा पुरुष में सीमेन एनालिसिस कर स्पर्म काउंट करते हैं। बीपी, किडनी व लिवर की जांच करते हैं।
यदि नियमित संबंध बनाने के बाद भी गर्भधारण नहीं हो रहा है तो इसे नि:संतानता की श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि सबको आईवीएफ कराना पड़े। इसके लिए पहले बेसिक टैस्ट किए जाते हैं। जिन महिलाओं की एक फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है और दूसरी खुली है, माहवारी अनियमित है, अंडे नहीं बनते हैं या फिर मासिकचक्र बंद हो गया है उन्हें आईवीएफ की जरूरत पड़ती है। मेनोपॉज के बाद और महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है या फिर पुरुष का स्पर्म काउंट बहुत कम या कमजोर है, वे भी आईवीएफ के लिए प्लान कर सकते हैं।
आईवीएफ से 50 साल से अधिक उम्र तक की महिलाएं और 60 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को संतान सुख मिलता है लेकिन सही उम्र में आईवीएफ कराने से जल्द गर्भधारण की संभावना रहती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है प्रजनन शक्ति कमजोर पड़ने लगती है। पुरुषों में भी स्पर्म काउंट कम होने लगते हैं। इससे गर्भधारण होने में समस्या के साथ कई परेशानियां होती हैं। अधिक उम्र होने पर मल्टीपल बर्थ, गर्भपात और समयपूर्व प्रसव की आशंका भी रहती है।
एक बार आईवीएफ प्रक्रिया से गुजरने के बाद मल्टी प्रेग्नेंसी भी करवा सकते हैं। यह डे-केयर प्रक्रिया है। जिसमें महिला को बार-बार अस्पताल नहीं आना पड़ता। प्रक्रिया से गुजरने के बाद महिला के अंडे व पुुरुष के स्पर्म को फ्रीज कर देते हैं। दोबारा प्रेग्नेंसी प्लान करने के लिए 2-3 साल बाद फिर से इसे गर्भ में ट्रांसफर कर देते हैं। दोबारा से की जाने वाली इस प्रक्रिया के लिए टैस्ट करवाने की जरूरत नहीं पड़ती।
आईवीएफ से गर्भधारण के बाद बच्चे का सामान्य विकास व प्रसव होता है। अधिक उम्र या अन्य कारणों से कोई समस्या होने पर ही सिजेरियन की जरूरत पड़ती है।