कूल्हों का दर्द – इससे राहत पाने के लिए घुटनों के नीचे तकिया लगाकर पीठ के बल सीधा सोना चाहिए। कूल्हों पर कम से कम दबाव पड़े इस बात का ध्यान रहे। स्लीप मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियंका यादव बताती हैं कि कूल्हों पर ज्यादा दबाव पड़ेगा, तो दर्द बढ़ेगा और फिर नींद ठीक से नहीं आएगी।
गरदन का दर्द – रीहैबिलिटेशन एक्सपर्ट डॉ. पार्थ प्रतिम बोस बताते हैं कि गर्दन के दर्द को कम करने के लिए कंधों की सीध में रखते हुए सोना चाहिए। पीठ के बल सोते हैं तो पतला तकिया इस्तेमाल करें, करवट लेकर सोते हैं तो मोटा तकिया लगाएं ताकि गर्दन और कंधों का लेवल बराबर रहे। पेट के बल नहीं सोना चाहिए।
जबड़ों का दर्द – अगर आपको जबड़ों के दर्द की शिकायत या टेंपोरोमेंडी बुलर जॉइंट डिसफंक्शन (टीएमर्ज पेन) है तो अपना चेहरा ऊपर रखते हुए पीठ के बल ही सोएं। अमरीकन डेंटल एसोसिएशन प्रवक्ता डॉ.एना पाउला फेराज बताती हैं कि पेट के बल अपने जबड़ों पर दबाव डालते हुए सोने से चेहरे के ज्वाइंट्स और जबड़ों में होने वाला दर्द बढ़ सकता है।
घुटनों का दर्द – यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वानिया के पेन अस्पताल में स्लीप स्पेशलिस्ट डॉ.चाल्र्स बे बताते हैं कि पैरों के आपस में टकराने या स्पर्श होने से घुटनों का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए सोते समय दोनों पैरों के बीच मुलायम तौलिया रोल करके या तकिया लगाकर सोएं ताकि पैर एक दूसरे से टकराएं नहीं।
कंधों का दर्द – डॉ.प्रियंका यादव के मुताबिक जिस कंधे में दर्द नहीं है उस तरफ करवट लेकर सोने से राहत मिलती है, लेकिन इससे इसमें भी दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि आप पीठ के बल सोएं और गर्दन के नीचे एक रोल किया हुआ नरम तौलिया लगा लें। दर्द रहित कंधे के बल सो सकते हैं।
हार्टबर्न की समस्या – ग्रेस्ट्रो स्पेशलिस्ट प्रो. डेविड जॉनसन बताते हैं कि जब पेट के वाल्व से भोजन पचाने वाला अम्ल खाद्यनली से होते हुए ऊपर की ओर आने लगता है तो हमें सीने में या गले में जलन महसूस होने लगती है। इससे बचने के लिए बाईं ओर करवट लेकर सोना फायदेमंद होता है । इससे पेट का वाल्व आसानी से खुलता नहीं है।