यहां जमती है गंदगी –
दांतों के आसपास के पॉकेट्स,जीभ के नीचे का हिस्सा और खासतौर पर जीभ के पीछे का हिस्सा, जहां चिकनाई और खाने के अंश की परत जमा होती है। इस परत में सड़न होने के कारण ही मुंह से बदबू आने लगती है। 90 प्रतिशथ सांसों की बदबू मुंह से ही पैदा होती है।
बदबूदार सांसों के कारण –
खराब आदतें – ब्रश ना करना, ठीक से दांतों की सफाई ना करना, खाना खाने या मीठा लेने के बाद कुल्ला ना करना
मन की बीमारी –
‘स्यूडोहैलिटोसिस’ – मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसमें लोगों को अचानक ही लगने लगता है कि उनकी सांसों से बदबू आ रही है या उनकी सांसें बदबूदार हैं।
संक्रमण – दांतों और मंसूड़ों में संक्रमण और गंदगी भी सांसों में बदबू पैदा करती है।
शुष्क मुंह – लार पैदा करने वाली ग्रंथियों ‘सलाइवरी ग्लैंड्स’ से जुड़ी समस्याएं भी बदबूदार सांसों का कारण बन सकती हैं।
इन खराब विकल्पों से बचें –
मिंट वाली गोलियां खाना
किसी रासायनिक क्लिंजर से ब्रश करना
च्युइंग गम चबाना
तंबाकू, सुपारी या पान मसाला
शराब से कुल्ला करना
माउथवॉश का ज्यादा प्रयोग
जीभ में छल्ला पहनना/टंग पियर्सिंग
बहुत ज्यादा चाय-कॉफी पीना
आसान व सुरक्षित उपाय –
सुबह और रात को अच्छी तरह से ब्रश करें।
मसूड़े लाल हों तो डेंटिस्ट से संपर्क करें। जीभ पर सफेद परत इक्कठी न होने दें।
जबर्दस्ती भूखे न रहें।
कब्ज न होने दें। सलाद और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। मौसमी फल भी डाइट में शामिल करें।
खाने के बाद कुल्ला करना ना भूलें।
भरपूर पानी पीएं और मुंह को लार से हमेशा गीला बनाए रखें।
दांतों के अंदर मसूड़ों पर गंदगी न जमने दें।
दो-तीन मिनट की ब्रशिंग काफी होती है। दांतों को ज्यादा रगड़ें नहीं।