कई रोगों में कारगर है जीरा
जीरा रसोई के अहम मसालों के साथ आयुर्वेदिक दवा भी है। यह कई बीमारियों से निजात दिलाता है।
कई रोगों में कारगर है जीरा
बवासीर में मिलता लाभ
मट्ठे में पिसी हींग, जीरा और सेंधा नमक डालकर पीने से गैस और बवासीर में लाभ होता है। जीरा पानी में पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं तो और शीघ्र लाभ होगा।
जीरा रसोई के अहम मसालों के साथ आयुर्वेदिक दवा भी है। यह भूख घटना और पाचन सम्बंधी समस्या दूर करता है। साथ ही यह कई बीमारियों से निजात दिलाता है। मट्ठे में पिसी हींग, जीरा और सेंधा नमक डालकर पीने से गैस और बवासीर में लाभ होता है। जीरा पानी में पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं तो और शीघ्र लाभ होगा।
काला नमक 1 ग्राम, अजवायन चूर्ण 1 ग्राम, चीनी 5 ग्राम व नींबू का रस मिलाकर लेने से रुका हुआ यूरिन खुल जाता है। इसे दिन में तीन बार लें।
हिस्टीरिया के रोगी को गुनगुने पानी में नींबू, नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और पुदीना मिलाकर पिलाने से लाभ मिलता है। ऐसा दो-तीन माह तक करना पड़ता है।
जीरा चूर्ण, पिसी हींग और सेंधा नमक एक चुटकी भर मिलाकर लेने से पेट से जुड़े रोगों में लाभ होता है।
आधा नींबू का रस, एक गिलास पानी, थोड़ा पिसा जीरा और दो छोटी इलायची पीसकर मिलाकर दो-दो घंटे पर पिलाएं। उल्टी बंद करने का यह बहुत बढिय़ा नुस्खा है। सौंफ और जीरे को एक साथ लेने से पेट की जलन और हाजमे में लाभ होता है।