ताकत देता
आमतौर पर दिमाग की बनावट लैसीथीन द्रव्य से होता है जो कि काले तिल में भरपूर होता हे। इसे नियमित खाने से दिमाग की कोशिकाओं और मांसपेशियों को ताकत मिलती है। तिल में विटामिन-बी कॉम्प्लैक्स व प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं। काले तिल बढ़ती उम्र के असर को भी कम करते हैं।
बाल संबंधी समस्या
समय पूर्व बाल सफेद होना, झडऩा, गंजेपन की समस्या में काले तिल का प्रयोग फायदा देता है। इससे बाल मुलायम, मजबूत और काले होते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता बढेगी
इसके लिए 1-2 माह तक 2 चम्मच तिल रोजाना चबाकर खाने या इससे बने पदार्थ खाए जा सकते हैं। इसके तेल की मालिश भी शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाती है।
बिवाई फटना
एक भाग देसी पीला मोम और चार भाग काले तिल का तेल एकसाथ गर्म करके मरहम बना लें। ठंडा होने के बाद इसे बिवाई की जगह लगाने से तेजी से लाभ मिलने लगेगा।
खूनी बवासीर
बवासीर की किसी भी स्टेज में तिल को पीसकर मक्खन में मिलाकर खाने से लाभ होता है।
मजबूत दांत
खास बात है कि इन तिलों को चबाने से मसूढ़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा चबाने के बाद ऊपर से थोड़ा पानी पीने से दांत मजबूत होते हैं। यदि पायरिया की समस्या है तो मुंह में २ मिनट तक तिल का तेल रखकर कुल्ला करने से लाभ होता है।
घुटने का दर्द
५०० ग्राम तिल्ली के तेल में राई, अजवाइन, सौंठ, लहसुन तीनों ही 5-5 ग्राम की मात्रा में मिलाकर दो मिनट उबालें। फिर तेल को छानकर घुटनों की ५ मिनट तक हल्की मालिश करें।