इसके अलावा यदि पूरे दिन में कुछ समय भी आप योग के लिए निकालते हैं, तो आप दिनभर के तनाव को दूर करने के साथ शारीरिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी जागरूक होते हैं। आइए आप जानते हैं कि कौन से योगासनों द्वारा पीठ दर्द को दूर किया जा सकता है…
1. मार्जरासन
इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम फर्श पर एक योगा मैट बिछाकर अपने दोनों घुटनों को टिका कर बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को आगे की तरफ फर्श पर रखें और हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठायें। अब अपनी जांघों को ऊपर की ओर सीधा करें तथा ध्यान रहे कि घुटने और पैर का बाकी हिस्सा जमीन पर ही टिका रहे, जिससे 90 डिग्री का कोण बनाए। अब इस पोजीशन में आपकी छाती फर्श के समान्तर होगी तथा आप एक बिल्ली के समान दिखाई देगें।
इसके पश्चात एक लंबी सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं, अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें तथा टेलबोन यानी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को ऊपर उठाएं। अब सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं तथा ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने की कोशिश करें। इस पोजीशन में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें। साथ ही ध्यान रखें कि इस मुद्रा में आपके हाथ झुकने नहीं चाहिए। धीरे-धीरे सांसो को लंबी और गहरी करते जाएं। अब फिर से सिर को पीछे की ओर ले जाते हुए यह प्रक्रिया दोहराहएं। इस क्रिया को आप 10-20 बार दोहरा सकते हैं।
2. सलंब भुजंगासन
इस आसन को करने के लिए फर्श पर योगा मैट बिछाकर उस पर पेट के बल लेट जाएँ। पैरों के पंजों को फर्श पर समान्तर रखें और माथे को ज़मीन पर विश्राम कराएँ। पैरों के पंजे तथा एड़ियां हल्के से एक दूसरे को स्पर्श करते हुए साथ में रहें। अब दोनों हाथों को आगे की ओर तानें, हथेलियाँ तथा भुजाऐं ज़मीन को छूती रहें। एक लंबी सांस लें तथा धीरे से सिर, छाती और पेट उदर को ऊपर की ओर उठाएं, जबकि नाभि फर्श से लगी रहनी चाहिए।
दोनों भुजाओं की सहायता से अपने धड़ को जमीन से दूर पीछे की ओर खींचने की कोशिश करें। सजगता के साथ सांस लेते और छोडते रहें। अब अपना ध्यान धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी के हर हिस्से पर ले जाएँ। सुनिश्चित करें कि आपके पैर अभी भी साथ में रहें और सिर सीधा आगे की ओर। इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने पेट, छाती और फिर सिर को आहिस्ता से जमीन की तरफ नीचे लाएं।
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3. त्रिकोणासन
इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले सीधे जमीन पर खड़े हो जाएं। अब अपने पैरों के बीच की दूरी को तीन फीट की रखें। सुनिश्चित करें कि आपका दायां पैर आपके सामने 90 डिग्री के कोण पर हो और बायां पैर पीछे 15 डिग्री के कोण पर हो। इस स्थिति में शरीर का भार दोनों पैरों पर समान होना चाहिए। साथ ही गहरी सांसे लेते रहें।
इसके बाद दाएं हाथ को दाएं पैर के अंगूठे पर रखें और बाएं हाथ को सीधा आसमान की ओर उठाएं। आपका बाया हाथ सिर के बिल्कुल ऊपर होना चाहिए। साथ ही सिर को भी आसमान की ओर उठाकर आंखों से ऊपर की ओर देखें। इस स्थिति में आपके दोनों हाथ एक सीधी रेखा में होने चाहिए। जितनी देर हो सके, इसी अवस्था में रहें। गहरी सांस लेते और छोड़ते रहें। फिर धीरे से सीधे खड़े होकर इस आसन को दूसरे पैर की ओर दोहराएं।
4. टिड्डी आसन
इस आसन को करने के लिए फर्श पर योगा मैट बिछाकर फर्श की ओर मुंह करके लेट जाएं। अब दोनों हाथों की हथेलियों को भूमि से सटाते हुए दोनों भुजाओं को बगलों अथवा जांघों पर रखें। धीरे-धीरे सांस लें तथा धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोड़ दें। अब अपने पूरे शरीर को कड़ा करके दोनों पैरों को एक साथ मिलाकर दो-तीन इंच तक फर्श से ऊपर की ओर उठाएं। साथ ही साथ सिर को भी ऊंचा उठाएं। पैर की तलुओं को ऊपर किये हुए पांव को फैलायें। जांघों के पिछले भाग को ही नहीं, अपितु पूरे पांव को भी ऊपर उठाएं। 5 से 7 सेकंड तक इसी पोजीशन में रहें। और आहिस्ता से फिर पांवों को नीचा करें तथा श्वास छोड़ें। इस अभ्यास को 6 बार तक दोहरा सकते हैं।
5. सेतु बंधासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब पैरों के तलवों को फर्श पर रखते हुए अपने घुटनों को मोड़ लें। दोनों पैरों की एड़ियों को अपने नितम्बों के नजदीक लाएं। जैसे ही आप टैलबोन यानी रीड की हड्डी के निचले हिस्से को को तथा नितंबों को ऊपर की तरफ उठाते हैं, सांस बाहर छोड़ें। साथ ही अपनी जांघों और भीतरी पैरों को समानांतर रखें।
अब दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके अपने हाथों को अपने पेल्विस के नीचे रखें। जांघों को इतना ऊपर उठाएं कि फर्श तक समानांतर रखें तथा दोनों घुटनों को एड़ी के ऊपर सीध में रखें। अपनी छाती को ठोड़ी की ओर उठाएं। इसी पोजीशन में आप 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रह सकते हैं। और फिर आसन से बाहर आने के लिए सांस छोड़ते हुए रीढ़ को धीरे-धीरे नीचे लाएं।