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अंबिकापुर

महानवमी पर शहर में शोभायात्रा निकालकर हुआ जवारा विसर्जन, पूर्वजों से चली आ रही परंपरा

चैत्र नवरात्र पर हर वर्ष निकाली जाती है शोभायात्रा, देवी मां को खुश करने त्रिशूल से भेदते हैं गाल व जीभ

अंबिकापुरApr 17, 2024 / 09:35 pm

rampravesh vishwakarma

Jwara visarjan
अंबिकापुर. Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन नवमीं तिथि पर जवारा विसर्जन कार्यक्रम किया गया। नौ दिनों तक घर में रखे जवारों का विसर्जन मां महामाया मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ की गई। इस दौरान शहर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या श्रद्धालु शामिल हुए। रैली में शामिल भक्तों की आस्था ऐसी दिखी कि देवी मां को खुश करने कोई अपने जीभ में तो कुछ भक्त अपने गाल में लोहे का त्रिशूल आर पार कर झूमते-नाचते मंदिर पहुंचे।

शहर के मायापुर चांदनी चौक के समीप देवी धाम में कई वर्षों से शारदीय व चैत्र नवरात्रि में जवारा रखा जाता है। जहां शहर सहित आसपास के बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। चैत्र नवरात्रि के नवमी के दिन बुधवार को धूमधाम से जवारा विसर्जन किया गया। शोभायात्रा मायापुर चांदनी चौक स्थित देवी धाम से निकाली गई।
Jawara visarjan
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शोभायात्रा शहर के थाना चौक, महामाया चौक होते हुए महामाया मंदिर पहुंची, जहां विसर्जन किया गया। इस दौरान आस्था के कई रूप दिखे। कई देवी भक्त गाल व जीभ में लोहे का लम्बा त्रिशूल (बाना) छेद कर आर-पार कर नाचते गाते दिखे।
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वर्षों पुरानी है परंपरा का पालन

मायापुर देवी धाम में यह परम्परा वर्षों पुरानी है। परंपरा का निवर्हन कर रहे धाम के पुजारी रामानंद सिंह ने बताया कि यह परंपरा उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है और पूरे 9 दिनों तक धाम में पूजा पाठ की जाती है। नवरात्रि के नवमी के दिन जवारा विसर्जन के लिए विशाल जुलूस निकाला जाता है।

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