नीट की परीक्षा में प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित (CG NEET 2024) कर दिया गया था। बाद में सही पेपर बांटने की प्रक्रिया में प्रतियोगियों का काफी समय बर्बाद हुआ। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एनटीए के वकील से निर्देश लेकर जवाब देने को कहा था।
आज हुई सुनवाई में एनटीए ने डिवीजन बेंच में प्रस्तुत अपने जवाब में बताया कि, इस घटना को लेकर एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है। संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य भी इस कमेटी (CG NEET 2024) में शामिल किए गए हैं। यह समिति जल्द ही बैठक कर इस विषय पर अपना निर्णय लेगी ताकि, अभ्यर्थियों को परेशान न होना पड़े।
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CG NEET 2024: बालोद में हुई थी गड़बड़ी
उल्लेखनीय है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालोद में नीट की परीक्षा के दौरान यह गड़बड़ हुई थी। परीक्षा की तारीख पर दोपहर 2 बजे भारतीय स्टेट बैंक बालोद से प्राप्त प्रश्न पत्रों (CG NEET 2024) का पहला सेट वितरित किया गया था, जो कि सही नहीं था।
परीक्षा आयोजित कर रहे केंद्र को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने केनरा बैंक, बालोद से प्राप्त प्रश्न पत्रों का एक और सेट फिर से उसके 40-50 मिनट बाद वितरित (CG NEET 2024) किया। प्रश्न पत्र के दूसरे सेट में ओएमआर शीट का एक अलग सेट जुड़ा हुआ था जिसे उम्मीदवारों द्वारा दोबारा भरना था, जिसमें उम्मीदवारों का समय नष्ट हुआ। इसे ही लेकर लिपिका सोनबोइर व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।
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कमेटी ने कहा एनआईसी से नहीं कराएं काउंसिलिंग
पिछले साल एमबीबीएस की काउंसिलिंग में हुई भारी गड़बड़ी के बाद कमेटी ने नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (National Informatics Centre) से काउंसिलिंग नहीं कराने कहा है। उन्होंने कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन (CG NEET 2024) को सौंपे पत्र में कहा है कि काउंसिलिंग में लगातार हुई गड़बड़ी से विभाग की किरकिरी हुई। यही नहीं काउंसिलिंग की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे।
CG NEET 2024: काउंसिलिंग के लिए 44 लाख फूंके
इसलिए एनआईसी से काउंसिलिंग नहीं कराई जाए। काउंसिलिंग आईटी सेल से कराई जाए, जो डीएमई कार्यालय का हिस्सा है। पत्रिका ने 24 मई के अंक में एमबीबीएस काउंसिलिंग के लिए 44 लाख फूंके, ये चिप्स को किए गए भुगतान से 4 गुना ज्यादा शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। सीएमई कार्यालय की काउंसिलिंग कमेटी (CG NEET 2024) पिछले साल ही एनआईसी की गड़बड़ी से नाराज थी।
दरअसल कोई भी तकनीकी व मानवीय गड़बड़ी होने पर एनआईसी हाथ खड़े कर देता था। गलती का सारा ठीकरा काउंसिलिंग कमेटी पर फोड़ रहा था। तब काउंसिलिंग कमेटी से जुड़े डॉक्टरों ने मामले की शिकायत सीएमई व डीएमई से भी की थी। चिप्स से 4 गुना ज्यादा 44 लाख रुपए में एमओयू के बावजूद काउंसिलिंग (CG NEET 2024) में लगातार गड़बड़ी होती रही।