READ MORE : #topic of the day – शहर की यातायात व्यवस्था सुधारना बिना बल के संभव नहीं – तिवारी जिसमें परिवार के सदस्य बच्चों में नैतिक मुल्यों की अहमियत बताएं, ताकि बच्चा जब स्कूल, कालेंज या अपने कार्यस्थल पर जाए तो जिम्मेदारियों का निर्वाह नैतिकता और समाज के हितों को
ध्यान में रखेों। ये नहीं कि वक्ती फायदे के लिए सिद्धांतों या लोकहित की बलि ले ले। इसमें शिक्षण संस्थानों की भूमिका प्रमुख है। आज कालेज का कोई भी छात्र संगठन सिर्फ अपनी हेकड़ी दिखाने के लिए संगठन का उपयोग ना कर सके, बल्कि जायज मांगों को सही प्लेटफार्म पर उचित तरीके से रखे। इससे छात्रों का भी भला होगा और प्रबंधन भी उचित मांगों को तरजीह देकर छात्र हित में निर्णय ले सकेगा। गांधी, वाजपेयी, मदर टेरेसा ने भी संगठन क्षमता के बल पर ना सिर्फ ख्याति अर्जित की बल्कि समाज के दीन-हीनों और निर्धनों का भला किया। मदर टेरेसा के योगदान को भला कौन भूल सकता है। प्रो. चंद्राकर ने लोगों से अपील की है कि संगठन की ताकत का इस्तेमाल लोकहित में करें, तभी परिवर्तन की बयार आएगी।