CG News: विभाग में हड़कंप मच
जानकारी के अनुसार लमनी क्षेत्र के छिरहट्टा इलाके में 3 से 4 वर्ष की बाघिन की मौत हो गई। घटना के बाद, रिजर्व अधिकारियों की उदासीनता भी सामने आई। दो दिन बाद शुक्रवार की सुबह मामले की जानकारी मिल ने पर अधिकारी लंच के बाद घटनास्थल पर पहुंचे।
स्थानीय लोगों के अनुसार शव दो दिनों से जंगल में ही पड़ा हुआ था। लेकिन न तो इसे बीट गार्ड ने देखा और न ही वन विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी हुई। दो दिन बाद दुर्गंध आने पर एटीआर के भीतर ही रहने वाले लोगों से अफसरों को जानकारी मिली। अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने घटना स्थल का दौरा कर जांच शुरू कर दी है।
2 माह पहले हाथी के बच्चे का मिला था शव
अचानकमार
टाइगर रिजर्व में लगातार वन्य जीवों की मौतें हो रही है। नवंबर में भी क्षेत्र से लगे टिंगीपुर में एक हाथी के बच्चे का शव मिला था, जो कई दिनों पुराना था। एटीआर के जंगलों को वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए शासन करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके बाद भी यहां वन्यजीवों को खतरा बना हुआ है।
अफसरों ने फोन किया बंद
अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत के बाद वन विभाग के अफसर मामले को दबाने में लगे रहे। डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश, एसडीओ संजय लूथर से जानकारी लेने कॉल किया गया लेकिन
मोबाइल स्विच ऑफ था। विभाग के अफसरों को जानकारी होने के बाद भी न तो बाघिन के शव की फोटो जारी की, न ही शाम तक कोई सूचना सार्वजनिक की। दिनभर मामले को दबाने में लगे रहे।
आपसी लड़ाई में मौत की आशंका
वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल ने कहा की एटीआर अंतर्गत लमनी कोर परिक्षेत्र के छिरहट्टा के जंगल में मादा टाइगर की मृत्यु हुई है। संभवत: मेटिंग या टेरिटरी की लड़ाई का परिणाम है। घटना की जानकारी एटीआर की
एसटीपीएफ के सदस्य से मिली है। मृत टाइगर का पोस्टमार्टम कर घटना के कारणों का पता किया जा रहा है। पीएम रिपोर्ट के बाद विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।