इधर पार्टी के बहुत से ऐसे नेता भी हैं जो खुल कर अपना विरोध तो नहीं जता रहे, पर अंदर ही अंदर उनमें कसक बनी हुई है। यही वजह है कि दलबदल का क्रम शुरू हो गया है। 4 मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष, सभापति समेत कोटा व मस्तूरी क्षेत्र के अन्य कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था, तो 1 अप्रैल को जीपीएम के 74 कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने बीजेपी जॉइन किया। अब बिलासपुर की बारी है। यहां भी जल्द भारी टूट के आसार हैं।
1 अप्रैल को जीपीएम में बड़ी टूट देखने को मिली, जब कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय समेत 74 कांग्रेस नेता जिसमें सरपंच, पूर्व सरपंच, बूथ, सेक्टर प्रभारी शामिल थे। सभी ने भाजपा का भगवा गमछा पहना। अब बिलासपुर की बारी है। यहां भी बड़ी संख्या में वरिष्ठ कांग्रेस नेता नाराज हैं। लिहाजा जल्द यहां भी बड़ी टूट देखने को मिल सकती है।
जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान जो कोटा क्षेत्र के हैं, सबसे पहले वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। उनके साथ ही सभापति राजेश्वर भार्गव , सभापति राहुल सोनवानी , रामनारायण राठौर जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग कांग्रेस, गोपी पटेल जनपद सदस्य ये सभी मस्तूरी क्षेत्र के हैं जिन्होंने भाजपा जॉइन किया। इसी तरह पूर्व सरपंच पंधी घनश्याम यादव भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। वहीं मरवाही क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेस नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय शामिल हैं। इन्होंने भी जीपीएम जिले के 74 कांग्रेसियों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेताओं का कहना है कि पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा से परेशान होकर उन्होंने भाजपा जॉइन किया। पहने विधानसभा और अब लोकसभा चुनाव में उन्हें दरकिनार किया गया, यही वजह है कि उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया है। वे ये भी कह रके हैं कि जो किसी कारणवशा कांग्रेस को नहीं छोड़ पा रहे हैं, वे भितरघात कर अपनी उपेक्षा का बदला लेंगे।
बिलासपुर से इतने कांग्रेसी भाजपा में शामिल CG Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही कांग्रेस में दलबदल का दौर भी शुरू हो गया था। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस को लगातार झटका मिल रहा हैं। अब तक दिग्गज नेताओं समेत 2000 कार्यकर्ता पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए है। बता दें कि कांग्रेस से नाराज होकर ही उन्होंने बीजेपी का हाथ थामा है।