Mobile Addiction In Children: अभिभावकों को इग्नोर कर रहे बच्चे
शहरवासी अभिभावक बृजेंद्र साहू, संतोष वर्मा बताते हैं कि बच्चों में मोबाइल की लत इस कदर हावी होती जा रही है कि वे अपने माता-पिता तक को इग्नोर करने लगे हैं। पढ़ाई व खेलने की बात पर झल्लाने लगते हैं। मोबाइल छीनने पर तोड़फोड़ तक में उतारू हो जा रहे। लिहाजा इस परेशानी से बचने अभिभावकों को पहले ही सतर्कता बरतनी होगी। ताकि मोबाइल की लत ही बच्चों में न पड़ने पाए।
शारीरिक व मानसिक विकास पर भी असर
शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में फोन की लत की वजह से विकास में रुकावट देखी जा रही है। इंडियन एकेडमी आफ पीरियड एंड वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के रिसर्च अनुसार कोविड के बाद 2000 से अधिक बच्चों में फोन एडिक्शन की बीमारी सामने आई है। जिसमें 2 से साढ़े 3 साल तक के मामले बच्चों के हैं। उनका शारीरिक, मानसिक विकास सही नहीं हो पा रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की स्क्रीन के संपर्क में आने से बचना चाहिए। 3 से 5 साल तक के बच्चों को फोन 1 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। जबकि 6 से 17 साल की अवस्था में बच्चों को फोन का उपयोग पढ़ाई के लिए करना चाहिए। इससे उलट वास्तविकता ये है कि 2 साल या उससे कम उम्र के 90 प्रतिशत बच्चे
मोबाइल देखकर ही खाना खाते हैं। मोबाइल के अधिक उपयोग से बच्चों से उनकी भूख भी प्रभावित हो रही है। जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए बाधक है।
दो साल तक बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, उसके बाद सिर्फ पढ़ाई के लिए दें
शिशुरोग विशेषज्ञ के डॉ. अशोक अग्रवाल ने कहा की शहरी बच्चों में मोबाइल की लत इस कदर हावी होती जा रही है कि इसका असर उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर पड़ रहा है। उनमें देर से बोलने की समस्या, सही प्रकार से उच्चारण न कर पाना जैसी समस्या से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए ज्यादा पहुंच रहे हैं। मोबाइल के चक्कर में बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी भी प्रभावित हो रही है, जिसका खामियाजा मोटापे और अनिद्रा के रूप में सामने आ रहा है। ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, पढ़ाई में मन न लगने लगने जैसी परेशानियां भी उत्पन्न हो रही हैं। लिहाजा जरूरी है कि कम से कम दो साल तक बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, उसके बाद भी बच्चों को सिर्फ पढ़ाई के लिए ही मोबाइल का उपयोग करने दें। खेल-कूद के प्रति उन्हें जागरूक करें।