बिलासपुर

MBBS Seats: नीट एग्जाम देने वालों के लिए बुरी खबर, छत्तीसगढ़ में घटी एमबीबीएस की सीटें, जानिए क्या है पूरा मामला

MBBS Seats: बिलासपुर सिम्स को नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमएसी से तगड़ा झटका लगा है। खामियां सामने आने के बाद एमबीबीएस की सीटों में कैटाती की है..

बिलासपुरAug 14, 2024 / 07:15 pm

चंदू निर्मलकर

MBBS Seats: डाक्टरों और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते नेशनल मेडिकल कमीशन यानी एनएमसी ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स की एमबीबीएस की 30 सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। लिहाजा इस सत्र मेडिकल कॉलेज में 180 की जगह केवल 150 सीटों पर ही एमबीबीएस के लिए एडमिशन होगा।
बतादें कि एनएमसी की टीम ने मई में ही इंफ्रास्ट्रक्चर व फैकल्टी की कमी के चलते प्रबंधन पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। हिदायत दी थी कि दो महीने के अंदर यदि इन कमियों को पूरी नहीं कर ली जाती तो एमएबीबीएस की सीटें घटा दी जाएंगी। प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

MBBS Seats: लगातार कर्मचारियों की भर्ती करने की उठ रही मांग

गौरतलब है कि राज्य की स्थापना के साथ बिलासपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स की शुरुआत हुई थी, तभी से यहां फैकल्टी की कमी बनी हुई है। मरीजों की दी जा रही सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं हैं। लगातार कर्मचारियों की भर्ती करने की मांग उठ रही है।
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फिर भी प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यहां वर्षों से भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। वर्ष 2019-20 में ही सिस की 150 सीटों को बढ़ा कर 180 सीट कर दी गई थी। प्रबंधन को सीटों के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने के साथ ही फैकल्टी भी पूरी कर लेनी थी। तीन साल से एनएमसी हिदायत दे रहा था।
सिम्स प्रबंधन को दबी जुबान इसके लिए हिदायत देता आ रहा था। इसके बावजूद इस दिशा में ध्यान न देने पर आखिरकार कड़ा कदम उठाते हुए मई माह में प्रबंधन पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया था। साथ ही एक और अवसर देते हुए कहा गया था कि 2 महीने में सारी व्यवस्थाएं सुधार लें, अन्यथा मजबूरन एमबीबीएस की सीटें घटानी पड़ेंगी। इसके बावजूद प्रबंधन में के मुखिया डीन डॉ. केके सहारे ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अंतत: एमबीबीएस की 30 सीटें छीन ली गईं।

ये कमियां मिली थीं

जांच के दौरान एनएमसी टीम को सिम्स मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों के साथ ही 20 फीसदी फैकल्टी, 43 फीसदी जूनियर और सीनियर रेसीडेंट की कमी मिली थी। इसके अलावा यहां जरूरी जांच की मशीनों की कमी पाई गई थी। मेडिकल कॉलेज के लैब में रीएजेंट की कमी को भी एनएमसी ने कमी माना था।

अब आगे क्या…

एनएमसी से सिम्स प्रबंधन को मिले पत्र के अनुसार सत्र 2024-25 में 150 सीटों पर ही एमबीबीएस के लिए स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। इसमें 10 प्रतिशत सीट ईडब्ल्यूएस के होंगे। बता दें, कि सिम्स में 180 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही थी, इसमें 150 सीटें सेंट्रल और स्टेट कोटे की तो 30 सीटें ईडब्ल्यूएस की थीं। जानकारों के अनुसार सिस में एमबीबीएस की घटाई गई 30 सीटों की मान्यता वापस पाने के लिए डॉक्टरों व कर्मचारियों की भर्ती करने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप करना होगा। इसमें जांच मशीनें बढ़ाने की सबसे ज्यादा चुनौती होगी।

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