गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की साधना
गुप्त नवरात्र के समय में तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना के साथ-साथ 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है। इन महाविद्याओं में काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला शामिल हैं। यह साधना कार्य सिद्धि, मनोकामना पूर्ति और विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए की जाती है। गुप्त नवरात्र में मंत्रों का जाप करने से संतान सुख, रोग निवारण, दरिद्रता और धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।Mauni Amavasya 2025: 28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या? यहां जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
साल में चार नवरात्र
हिंदू पंचांग में साल में चार नवरात्र होते हैं। इनमें दो प्रकट नवरात्र (चैत्र और अश्विनी माह में) और दो गुप्त नवरात्र (आषाढ़ और माघ माह में) होते हैं। प्रकट नवरात्र में साधना का विशेष महत्व होता है, जबकि गुप्त नवरात्र में गुप्त साधनाओं द्वारा मनोकामना पूर्ति का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।प्रमुख व्रत-त्योहार
25 जनवरी: षटतिला एकादशी27 जनवरी: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 जनवरी: मौनी अमावस्या
30 जनवरी: बृहस्पतिवार- माघ गुप्त नवरात्रि आरभ