Somvati amavasya 2024: बिलासपुर के ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी के अनुसार, इस दिन मूल नक्षत्र और वृद्धि योग के साथ धनु राशि में चंद्रमा का संयोग भी बन रहा है। इस कारण यह अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है। चंद्रमा के अनुकूलता से जुड़ी यह अमावस्या जन्म कुंडली में विपरीत स्थिति वाले चंद्रमा को शांत करने के लिए उत्तम अवसर है। चंद्रमा की स्थिति में सुधार से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन श्रीहरि, पितरों के संग महादेव की पूजा का विधान है। इस दिन विशेष चीजों का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
Somvati amavasya 2024: दरिद्रता और अमावस्या दोष से मुक्ति का उपाय
धर्मशास्त्रों के अनुसार, जिन व्यक्तियों का जन्म अमावस्या के दिन हुआ है, उन्हें इस दिन पितृ याग अवश्य करना चाहिए। इससे अमावस्या के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह दिन उन जातकों के लिए विशेष महत्व रखता है जो अपने आर्थिक संकट से परेशान हैं। इस साल की अंतिम अमावस्या
यह अमावस्या 2024 की आखिरी अमावस्या है। भारतीय परंपरा में विक्रम संवत के अनुसार इसे विशेष पर्व माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इसलिए श्रद्धालु इस अमावस्या पर पितरों के निमित्त दान, तर्पण और विशेष पूजन करके पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
पितृ पूजन से दोष मुक्ति और प्रगति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस अमावस्या पर पितरों के निमित्त पूजा-अनुष्ठान करना अत्यंत फलदायक होगा। जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा राहु, केतु, शनि या मंगल के साथ युति में हो, उन्हें विशेष रूप से चंद्रमा के दोष निवारण के लिए वैदिक अनुष्ठान करना चाहिए। चंद्रमा से संबंधित दोषों को शांत करने के लिए जप, हवन और दान के माध्यम से उपाय किए जा सकते हैं। सोमवती अमावस्या पर किया गया पूजन न केवल पितरों की कृपा दिलाता है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करता है। इस दिन ध्यान, योग और विशेष मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
कैसे करें पूजा व दान
पितरों का आह्वान- इस दिन पितृ तर्पण और श्राद्ध का आयोजन करें। चंद्रमा की शांति- वैदिक विद्वानों से चंद्रमा के दोष निवारण हेतु जप और हवन करवाएं। दान- इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र, अन्न और दक्षिणा दान करें।