अब यदि प्रदेश की बात करें तो आंकड़े ये बता रहे हैं कि पिछले पांच वर्षों में हर वर्ष एमएसएमई सेक्टर ने प्रदेश में अपना विस्तार किया है। इसका प्रमाण यह है कि वर्ष 2019-20 में 26368 माइक्रो इंडस्ट्री तो 572 मिनी इंडस्ट्री पंजीकृत थे। जबकि वर्ष 22-23 में इनका खूब विस्तार हुआ है इस वर्ष में माइक्रो इंडस्ट्री के 43248 तो 166 मिनी इंडस्ट्री पंजीकृत हुए हैं।
केंद्र के एमएसएमई मंत्रालय का ही एक डेटा है जिसमें सकल घरेलू उत्पाद में एसएसएमई सेक्टर की हिस्सेदारी की बात कही गई है। इसके अनुसार देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी एमएसएमई की थी। वर्ष जुलाई 2020 से दिसंबर 2023 तक इस सेक्टर ने छत्तीसगढ़ में 19 लाख 34 हजार 258 रोजगार का सृजन किया है। जबकि इसी सेक्टर ने पूरे देश में इसी अवधि में 15 करोड़ 67 लाख 20 हजार 689 रोजगार सृजित किए हैं।
वर्ष सूक्ष्म लघु
2019-20 26368 572
2020-21 32357 515
2021-22 37421 282
2022-23 43248 166
2023-24 25645 71 उद्योग जो बंद हुए या पंजीयन रद्द हुआ
वर्ष बंद हुए
20-21 04
21-22 64
22-23 134
23-24 158 एक्सपर्ट व्यू
आंत्रप्रेन्योरशिप नौकरियाँ पैदा करते हैं, नवाचार बढ़ाते हैं, प्रतिस्पर्धा बढ़ाते हैं और बदलती आर्थिक स्थिति के प्रति उत्तरदायी होते हैं। समाज पर उद्यमिता का एक और महत्वपूर्ण प्रभाव नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नति है। साथ ही उत्पादकता बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं। इसलिए आंत्रप्रेन्योरशिप बढ़ रहा है। इसके साथ परिवारों और समुदायों को अपने साथ जोड़े, परियोजना से परे उपयोग के लिए व्यावसायिक, तकनीकी और जीवन कौशल विकसित करें। इस बारे में ध्यान से सोचें कि युवाओं को वित्त तक पहुंचने में कैसे सहायता की जाए। सलाहकारों का उपयोग करें और स्पष्ट रूप से परिभाषित लक्ष्य निर्धारित करें। विभिन्न संदर्भों के लिए अपने दृष्टिकोण को अनुकूलित करने के लिए तैयार रहें। भारत के युवा उद्यमिता में सबसे आगे हैं। सामाजिक उद्यमिता परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली शक्ति है, जो लाभ-संचालित व्यवसाय और सामाजिक प्रभाव के बीच की खाई को पाटती है। यह मानसिकता में बदलाव को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता, शारीरिक विकलांगता और नस्लीय भेदभाव जैसे मुद्दों को संबोधित करता है।
डॉ. तरूणधर दीवान, विशेषज्ञ, मानव संसाधन