जीपीएम में नाम वापसी के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं का आना जाना शुरू हो गया है। जगह-जगह सभाएं ली जा रही हैं। गांव-गांव घूम भी रहे हैं। नामांकन रैली पर रोक लगा दी गई थी लेकिन दोनों पार्टियों ने सभाएं की जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। जीपीएम में कोरोना की रफ्तार पूरे प्रदेश भर में काफी धीमी थी।
खतरा अभी टला नहीं, कलेक्टोरेट, तहसील, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर होगी कोरोना टेस्ट सुविधा
अगस्त महीने में जब प्रदेश में 6726 एक्टिव केस थे। गौरेला जिले में एक्टिव केस की संख्या काफी कम थी। इसी तरह सितम्बर में एक्टिव केस 20 थे। इसके बाद से रोजाना पांच सात नए केस आ रहे हैं। बीते 12 अक्टूबर को उछाल आया और 18 नये कोरोना केस मिले। 13 अक्टूबर को संख्या बढकर 27 पहुंच गई। 14 अक्टूबर को 5, 16 अक्टूबर को 7, 17 अक्टूबर को 5 और अब 18 अक्टूबर की बुलेटिन के अनुसार 28 नये केस एक साथ मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मरवाही क्षेत्र के कुछ सेंटरों में लोग जांच कराने नहीं आ रहे हैं। अगर सही तरीके से जांच होता है तो प्रतिदिन 40 से 50 केस मिलेंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का कहना है चुनाव खत्म होने के बाद जैसे ही लोग जांच कराएंगे केस बढ़ेगा। बताया जाता है कोरोना केस को लेकर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रही है।
राजनीतिक दलों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम अलंघन किया जा रहा है फिर इनके उपर कड़ाई नहीं बरती जा रही है। चुनाव आयोग के निर्देशों की धज्जियां उडा़ई जा रही हैं। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिला जरूर बन गया है पर यहां स्वास्थ्य सेवाओं का घोर अभाव है। गंभीर मरीजों को अभी भी 100 किलोमीटर बिलासपुर रेफर कर दिया जाता है।
मरवाही क्षेत्र में कोरोना का फैलाव करने में कांग्रेसियों का हाथ है। पंचायत सम्मेलन के बाद कोरोना की रफ्तार बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग को कोरोना की जांच करने पर भी रोक लगा दी है। पिछले दो महीने से प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
-अमर अग्रवाल, पूर्व मंत्री, जीपीएम प्रभारी
कोरोना की जांच हो रही है। नियमों का पालन भी किया जा रहा है। हमारी पार्टी मे भीड़ देखकर भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है इसलिए अनापसनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
-शैलेष पाण्डेय, विधायक, कांग्रेस दक्षिण जीपीएम प्रभारी
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