इसमें नेत्र विभाग के लिए विशेषज्ञ औरंगाबाद महाराष्ट्र मेडिकल कॉलेज से डॉ. अतुल शेषराव रावत पहुंचे थे जिन्होंने नेत्र विभाग में उपलब्ध सुविधा का जायजा लिया वहीं एनेस्थिसिया (निश्चेतना) विभाग के लिए हरियाणा के रोहतक मेडिकल कॉलेज से डॉ. सुरेश सिंघल ने निरीक्षण किया। अलग-अलग स्टेट से आए विशेषज्ञों ने अस्पताल के विभिन्न वार्ड, पैथोलेब, एक्सरे, सोनोग्राफी, लाइब्रेरी, रेडियोलॉजी, रेडक्रॉस, आईसीयू, बर्न वार्ड, सेंट्रल लैब, गल्र्स और बॉयज होस्टल समेत अन्य वार्डों का निरीक्षण किया, इसके अलावा एमसीआई की टीम ने ओपीडी के मरीजों से भी मिलकर अस्पताल के व्यवस्था के बारे में जानकारी ली एमसीआई की दो सदस्यीय नेत्र तथा एनेस्थिसिया विभाग की टीम ने सिम्स का बारीकी से निरीक्षण कर सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर लिया है, जिसे टीम दिल्ली में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को सौपेंगी, जिसके आधार पर ही सिम्स को एनेस्थिसिया और नेत्र विभाग में पीजी सीटों की मान्यता मिल सकेगी।
एमसीआई टीम को मिली कई खामियां
सिम्स पहुंची एमसीआई की टीम को निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई खामियां नजर आई हैं। वहीं फैकल्टी टीचर्स और विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी भी सिम्स में बरकरार है। लेकिन सिम्स प्रबंधन ने टीम के सदस्यों को विश्वास दिलाया कि इन कमियों को जल्द दूर कर लिया जाएगा। वहीं सिम्स प्रबंधन का मानना है कि जिस तरह एमबीबीएस की 180 सीटों के लिए मान्यता मिली है उसी तरह पीजी के लिए मांगी गई कोर्स की मान्यता उन्हें मिल सकती है। निरीक्षण के दौरान सीएमसीआई टीम के अलावा के अलावा सिम्स के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।