READ MORE : खुद को मकान मालिक साबित करने किराएदार ने कोर्ट में पेश कर दिया फर्जी हस्ताक्षर वाला इकरारनामा वहीं गांव के 8 लोगों के पैसे वापस नहीं किए गए। बीमा कंपनी में ग्रामीणों द्वारा कराए गए बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी वर्ष 2012, 2013 व 2015 में हो चुकी है। मैच्योरिटी के बाद एजेंट ने कंपनी के बीमा धारकों की रकम वापस करने की बात कही तो कंपनी के अधिकारियों ने कंपनी की जांच शासन द्वारा किए जाने के कारण रकम वापस करने असमर्थता जता दी। रकम वापस नहीं होने पर अनिल ने इसकी शिकायत रतनपुर थाने में की। जांच के बाद शनिवार को पुलिस कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ धारा 420, धन परिचालन अधिनियम 1978 की धारा 4, 5, 6 और निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
READ MORE : आईआरएस 2017 में पत्रिका सबसे ऊपर, यूनिट हेड ने काटा केक , दी बधाई
रकम लुटने का आता है ध्यान : सोशल मीडिया व समाचार के माध्यम से आए दिन चिटफंड कंपनियों के पैसा लेकर फरार होने की खबरें आती है। बावजूद लोग सजग होना छोड़कर अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई चिटफंड कंपनियों में लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। रकम लुटने के बाद उन्हें ठगे जाने का एहसास होता हैं।